झारखंड में एक बार फिर सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री की कुर्सी खतरे में है। हालांकि, डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश हो रही है। यूपीए विधायक एकजुटता दिखाने का प्रयास भी कर रहे है। इसके मद्देनजर ही शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में शुक्रवार को रही यूपीए विधायकों की बैठक समाप्त हो गयी है। यूपीए की बैठक खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन नेतरहाट रवाना हो गये हैं। शाम सात बजे फिर से विधायकों की बैठक होगी। सभी विधायकों को रात्रिभोज में जुटने के लिए कहा गया है। राजभवन के फैसले के बाद आगे की रणनीति तय की जायेगी।
झामुमो के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने दावा किया है कि भाजपा के 16 विधायक उनके संपर्क में हैं। साथ ही कहा कि यूपीए का कोई विधायक छत्तीसगढ़ नहीं जा रहा है। सभी झारखंड में ही रहेंगे। भट्टाचार्य ने कहा कि हमारे पास 50 से ज्यादा विधायक हैं। उन्होंने कहा कि जब भी राज्यपाल कहेंगे हम बहुमत साबित करेंगे। स्वास्थ्य मंत्री और कांग्रेस नेता बन्ना गुप्ता ने कहा कि सब ठीक है। हमारी सरकार बहुमत में है। हमारी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जो कहेंगी, हम उसका पालन करेंगे।
बैठक कर बाहर निकले झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता विनोद पांडे ने कहा कि सरकार पर ना तो पहले कोई संकट था और ना अब है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार चल रही है और आगे भी चलती रहेगी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार को पूर्ण बहुमत की सरकार है। आज जो यह कयास लगाए जा रहे हैं कि मात्र 39 विधायक बैठक में पहुंचे हैं, वह गलत है। हमारे पास पर्याप्त बहुमत है।
उन्होंने कहा कि 50 प्लस का आंकड़ा जब भी हम चाहे गिना सकते हैं। रिसोर्ट पॉलिटिक्स पर पूछे गये सवाल में कहा कि हम अपने विधायकों को कहां ले जाएंगे, कहां नहीं ले जाएंगे। यह बात जो लोग कह रहे हैं उनसे ही पूछा जाना चाहिए। विधानसभा भंग करके फिर से चुनाव में जाने की बात पर कहा कि यह बात हम लोगों से ना पूछ। जिन लोगों को जानकारी है वही इसका जवाब दे सकेंगे। उन्होंने कहा कि समय आने पर सारी चीजों का खुलासा कर दिया जाएगा, जहां तक झारखंड मुक्ति मोर्चा की बात है हमारी पार्टी संघर्ष करना जानती है और आगे भी संघर्ष करेगी। चाहे लोग कितना भी छल प्रपंच कर ले।