देश में नफरत का माहौल खत्म करने और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने उद्देश्य से कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक निकलने वाले कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का रोडमैप पार्टी की ओर से जारी कर दिया गया है।
कन्याकुमारी से कश्मीर तक 3570 किलोमीटर लंबी यात्रा 7 सितंबर से कन्याकुमारी से शुरू होगी। कन्याकुमारी से शुरू होने वाली इस यात्रा में राहुल गांधी सहित पार्टी के कई शीर्ष नेता पदयात्रा करेंगे। यह यात्रा 150 दिनों में 3570 किलोमीटर का सफर तय करेगी। भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान के भी कई जिलों से होकर गुजरेगी। खासतौर पर पूर्वी राजस्थान के आधा दर्जन जिलों से होकर भारत जोड़ो यात्रा निकलेगी, इन जिलों में अभी से ही इसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं।
भारत जोड़ो यात्रा 15 अक्टूबर के बाद राजस्थान में प्रवेश करेंगी और यह मध्य प्रदेश से झालावाड़ में प्रवेश करेगी, जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित पार्टी के अन्य नेता यात्रा का स्वागत कर यात्रा में शामिल हो जाएंगे। कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा मध्य प्रदेश से राजस्थान के झालावाड़ जिले में प्रवेश करेगी। इसके बाद यह यात्रा पूर्वी राजस्थान के बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, दौसा और अलवर से होकर हरियाणा में प्रवेश कर जाएगी और फिर दिल्ली, यूपी, अंबाला, पंजाब और जम्मू होते हुए श्रीनगर में जाकर संपन्न होगी।
भारत जोड़ो यात्रा के तहत कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक 20 जगह यात्रा का पड़ाव होगा, उनमें से तीन जगह राजस्थान के जिलों में हैं। कोटा, दौसा और अलवर जिले में यात्रा का पड़ाव होगा। यहां पड़ाव के साथ ही जनसभा का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सहित कई अन्य नेता कांग्रेस कार्यकर्ता और आमजन को संबोधित करेंगे। राजस्थान में झालावाड़ से प्रवेश करने के बाद भारत जोड़ो यात्रा झालावाड़ से अलवर जिले तक करीब 500 किलोमीटर का सफर तय करेगी। इस यात्रा में कांग्रेस सेवा दल के कार्यकर्ताओं के साथ साथ अग्रिम संगठनों के कार्यकर्ता भी पदयात्रा करेंगे। मई में उदयपुर में हुए कांग्रेस के नव संकल्प शिविर में कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा निकालने का फैसला किया गया था।
पूर्वी राजस्थान के आधा दर्जन जिलों से भारत जोड़ो यात्रा निकालने के पीछे एक वजह यह भी है कि बीते विधानसभा चुनाव में पूर्वी राजस्थान से कांग्रेस पार्टी को बंपर सीटें मिली थीं। साथ ही ईस्टर्न कैनल परियोजना भी पूर्व राजस्थान से जुड़ी हुई है, जिसमें 13 जिले आते हैं और जिन आधा दर्जन जिलों से यात्रा गुजरेगी वो भी ईस्टर्न कैनाल परियोजना के तहत ही आते हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि इन जिलों में भारत जोड़ो यात्रा निकालकर पूर्वी राजस्थान के मतदाताओं को साधने का प्रयास किया जाएगा।