मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हर चेहरे पर मुस्कान लाना हमारा संकल्प है। सरकार चलाने का उद्देश्य नागरिकों की जिंदगी में खुशियां लाना है। गरीब की जिंदगी बदले, इसके लिए हर आवश्यक कदम उठाया जाएगा। प्रत्येक व्यक्ति की जिंदगी में उसके हर कदम और हर मोड़ पर सरकार साथ खड़ी है। जिस व्यक्ति के पास रहने की जमीन नहीं है, उसे जमीन देकर उसका मालिक बनाया जाएगा। यह हमारा महासंकल्प है। यह बात मुख्यमंत्री चौहान ने गुरुवार को मंत्रालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री नगरीय भू-अधिकार योजना में भू-अधिकार पत्र एवं स्थाई पट्टे का वितरण करते हुए कही।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि शहरों में अब तक वर्ष 2014 तक के कब्जाधारियों को मुख्यमंत्री नगरीय भू-अधिकार योजना के लिए पात्र माना जाता है। अब वर्ष 2018 तक के कब्जाधारियों को भी योजना का लाभ मिलेगा। इससे संबंधित आदेश शीघ्र जारी होंगे। मुख्यमंत्री ने 4226 हितग्राहियों को भू-अधिकार पत्रों के वितरण कार्य का शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में गरीबों की जिंदगी बदलने का कार्य हो रहा है। मध्यप्रदेश में आज सवा चार हजार हितग्राही मुख्यमंत्री नगरीय भू-अधिकार योजना से लाभान्वित हो रहे हैं। ये कई वर्ष से जहां निवासरत थे और जिस भूमि पर इनका कब्जा भी था, अब ये हितग्राही उसके स्वामी हो गए हैं। उन्हें कब्जाधारी होने की तकलीफ से मुक्त कराना था। नाममात्र के शुल्क पर उनके नाम पर जमीन होने का सुख और आनंद लेते हुए वे अपना घर बनाकर रह सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश की धरती पर जिनके कच्चे मकान हैं उन्हें पक्का मकान बनाने के लिए राशि प्रदान करने का लक्ष्य है। नगरों के मास्टर प्लान में आवासहीनों के लिए जमीन का प्रावधान रहेगा। ग्रामीण क्षेत्र में 27 लाख से अधिक आवासों की मंजूरी और सभी के लिए आवास की व्यवस्था के प्रयास इस लक्ष्य में शामिल हैं। मुख्यमंत्री नगरीय भू-अधिकार योजना में नगरीय क्षेत्रों में 45 हजार से अधिक आवेदन निराकृत किये जा चुके हैं। एक लाख अन्य प्रकरणों में कार्यवाही की जा रही है। यह सरकार सेवा करने वाली सरकार है। जीवन की बुनियादी आवश्यकताओं में से एक है आवास, जिसके लिए राज्य सरकार ने इस वर्ष 10 हजार करोड़ रूपये खर्च करेगी। प्रदेश में भू-माफिया, अतिक्रामकों और दुराचारियों से मुक्त कराई गई 15 हजार करोड़ मूल्य की करीब 21 हजार एकड़ भूमि पर आवासहीन निर्धनों के लिए मकान बनाए जाएंगे।
चौहान ने कहा कि अपने कार्य से नगरों में आने वाले निर्धन वर्ग के लोगों को 10 रुपये में भोजन का प्रबंध हो, इसके लिए सभी को मिल कर कार्य करना है। मुख्यमंत्री ने जन-प्रतिनिधियों से आहवान किया कि ऐसे बच्चे जो शहर में बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन अथवा अन्य सार्वजनिक स्थान पर भीख मांगते दिखें, तो उनके अध्ययन और भोजन की व्यवस्था करें। प्रायः अनाथ बच्चे नशे की लत का शिकार हो जाते हैं। ऐसे बच्चों को परेशानियों से बचाते हुए उनके जीवन को बदलने के लिए आगे आएं।
राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान विभिन्न वर्गों के कल्याण के कार्यों में निरंतर सक्रिय हैं। आज शहरों में रहने वाले गरीबों को अपनी भूमि का स्वामी होने का अधिकार मिल रहा है। योजना की संपूर्ण प्रक्रिया पारदर्शी है। हितग्राही अपनी भूमि पर आवास के साथ छोटा-मोटा व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। पट्टे का 30 वर्ष बाद नवीनीकरण करवा सकते हैं। सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन की गई हैं। आज 4226 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है। योजना में एक लाख से अधिक आवेदनों पर कार्यवाही जारी है। हितग्राहियों को आवास निर्माण, कच्चे मकान के जीर्णोद्धार या उन्नयन करने अथवा बैंक से आवास ऋण लेने की सुविधा आसानी से मिल सकेगी।
किसान-कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री कमल पटेल हरदा से, पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन बालाघाट और पशुपालन, सामाजिक न्याय और नि:शक्तजन कल्याण मंत्री प्रेम सिंह पटेल बड़वानी से वर्चुअली शामिल हुए। नगरीय क्षेत्र की शासकीय भूमि (नजूल भूमि) के भूखण्ड धारकों को धारित भूमि का 30 वर्ष के लिए स्थायी पट्टा/ आबादी भूमि में भू-अधिकार पत्र प्रदाय किया गया।
जिलों के हितग्राहियों से संवाद
मुख्यमंत्री चौहान ने मुख्यमंत्री नगरीय भू-अधिकार योजना में हरदा, मुरैना, बड़वानी और बालाघाट जिलों के लाभान्वित हितग्राहियों से संवाद भी किया। उन्होंने प्रतीक स्वरूप भोपाल जिले के 4 हितग्राहियों को भू-अधिकार पत्र दिए।