पुराने शहर के चौक में स्थित जामा मस्जिद का पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने की मांग को लेकर विवाद गहराने लगा है। एक तरफ संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी मस्जिद में मंदिर होने के अपने दावे पर अडिग हैं, तो वहीं दूसरी तरफ शहर काजी और अन्य मुस्लिम नेताओं ने कहा है कि उनके पास मस्जिद से संबंधित सभी दस्तावेज हैं।
गुरुवार को संस्कृति बचाओ मंच के पदाधिकारियों ने गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से मुलाकात कर इस संदर्भ में ज्ञापन दिया था और पुरातात्विक सर्वे की मांग की थी। अब इस मामले में शहर काजी सैयद मुश्ताक अली नदवी सहित अन्य मुस्लिम धर्मगुरुओं का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि हमारे पास सभी कागजात मौजूद हैं। मस्जिद में मंदिर मिलने के प्रमाण असत्य हैं। धर्मगुरुओं ने सभी से अपील की है अफवाहों पर ध्यान न दें। इधर संस्कृति मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी अपने दावे पर अटल हैं। उन्होंने अपनी बात फिर दोहराई है कि भोपाल की जामा मस्जिद दिल्ली की जामा मस्जिद की तरह बाग पद्धति पर आधारित है। मजिस्द का इतिहास पुराना है। भोपाल रियासत की शासिका रहीं सुल्तान जहां बेगम ने अपनी किताब हयाते कुदसी में जिक्र किया है। पहले यहां पर हिन्दुओं का पुराना मंदिर हुआ करता था। उन्होंने मंदिर का पुरात्तव सर्वेक्षण कराने की मांग मुख्यमंत्री व गृहमंत्री से की है।