जोशीमठ नगर का नजदीकी गांव गौंख प्रकृति की अनमोल धरोहर तो है, लेकिन सड़क से अछूता रह जाने के कारण पर्यटकों की नजरों से ओझल है।
दरअसल औली-जखथाली जंगलों की तलहटी पर बसा गौंख गांव भी पलायन का दंश झेल रहा है। सड़क और विद्युत के लिए यहां के ग्रामीण संघर्ष करते रहे। आजादी के 74 वर्षों के बाद गौंख गांव विद्युत से तो जुड़ा,लेकिन अब ग्रामीण सड़क की वाट जोह रहे हैं।
गौंख गांव में जोशीमठ नगर के ही ग्रामीणों की भूमि, मकान और गौशालाएं हैं। यह क्षेत्र नकदी फसलों के लिए भी जाना जाता रहा है,लेकिन मूलभूत सुविधाओं के अभाव में लोग पलायन को विवश हो गए।
अब गौंख गांव से जुड़े युवा पीढ़ियों ने गौंख को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का बीड़ा उठाया और गौंख विकास समिति का गठन कर सड़क व विद्युत के लिए संघर्ष शुरू किया। समिति को इसमें कामयाबी भी मिली। सड़क का सर्वे व प्रस्ताव तैयार हुआ और गौंख विद्युत से जुड़ा।
गौंख गांव को सड़क से जोड़ने के लिए पूर्व विधायक महेन्द्र भट्ट ने पहल की और वन विभाग कालोनी के नजदीक से सड़क का सर्वे हुआ लेकिन भूगर्भीय सर्वेक्षण में इस अलाइमेन्ट को उपयुक्त नहीं पाया गया।
अब पुनः दूसरा प्रस्ताव जोशीमठ नगर के सुनील वार्ड में औली रोड से गौंख का तैयार हुआ, लोनिवि द्वारा सर्वे भी कराया गया और प्रस्ताव को शासन की स्वीकृति के लिए भेजा गया है। यदि यह प्रस्ताव स्वीकृत हुआ तो न केवल गौंख गांव बल्कि सुनील वार्ड का एक बड़ा क्षेत्र भी सड़क संपर्क से जुड़ सकेगा।
जोशीमठ नगर पालिका अध्यक्ष शैलेन्द्र पंवार ने भी अपर मुख्य सचिव, विधायक बद्रीनाथ, लोनिवि मंत्री व प्रमुख सचिव लोनिवि को पत्र देते हुए सुनील-गौंख सड़क की प्रशासकीय व वित्तीय स्वीकृति दिए जाने का आग्रह किया है।
लोनिवि के सहायक अभियंता अनिल यादव ने बताया कि गौंख सड़क के लिए पूर्व में ही स्वीकृति मिल चुकी थी, लेकिन वन विभाग कालोनी से गौंख का प्रस्ताव भूगर्भीय सर्वेक्षण में उपयुक्त नहीं पाया गया, अब नाम परिवर्तन के लिए सुनील से गौंख का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।
आशा खबर / शिखा यादव