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लद्दाख के उपराज्यपाल आर. के. माथुर ने शनिवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द से मुलाकात की। राष्ट्रपति सचिवालय ने उपराज्यपाल की राष्ट्रपति से मुलाकात की तस्वीर साझा करते हुए यह जानकारी दी।

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लद्दाख के उपराज्यपाल आरके माथुर ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से की मुलाकात |  Lt Governor of Ladakh RK Mathur calls on President Ram Nath Kovind | लद्दाख  के उपराज्यपाल ...

-रौमारी के कब्रिस्तान में अंतिम संस्कार, परिजनों को दी गयी एकमुश्त 5 लाख की सहायता राशि

-असम सरकार के मंत्री रंजीत दास, विधायक जाकिर हुसैन सिकदार ने सैनिक को दी अंतिम श्रद्धांजलि

मणिपुर के नोनी जिला के टुपुल में बुधवार रात भारी भूस्खलन में बहादुर सैनिक जियारुल हक (29) के शहीद होने की खबर मिलते ही उनकी जन्मस्थली बजाली जिलांतर्गत भवानीपुर के रौमारी गांव में शोक की लहर दौड़ गयी। कायेमुद्दीन और सोहागी खातून के पुत्र जियारुल हक 2013 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे।

हक टुपुल में इंफाल-जिरिबाम नई रेलवे लाइन प्रकल्प के पास स्थित 107 टेरिटोरियल आर्मी के 11जीआर शिविर में थे, इसी दौरान हुए भयावह भूस्खलन की चपेट में आकर शहीद हो गये। गुरुवार को दिन के दो बजे सेना की ओर से टेलीफोन के जरिए जियारुल हक के शहीद होने की जानकारी दी गयी। जिसके बाद परिवार, रिश्तेदारों और शुभचिंतकों में शोक की लहर दौड़ गयी।

जियारुल ने मजगांव क्षेत्रीय उच्च मदरसा से हाईस्कूल की शिक्षा परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद माजगांव नवशक्ति कनिष्ठ महाविद्यालय से उत्तर माध्यमिक की परीक्षा कला संकाय से उत्तीर्ण करने के बाद वर्ष 2013 में सेना में भर्ती हुए थे। जियारुल अपने पीछे पिता, मां, तीन भाइयों, पत्नी आजमीना परवीन, तीन साल के पुत्र ‘जीसन’ और तीन महीने के बेटे ‘मोमई’ को छोड़ गए हैं।

गौरतलब है कि बुधवार रात 11 बजे पत्नी अजमीना परवीन से फोन पर बात करने के पर उसने बताया कि हक ने रात बारह बजे से ड्यूटी पर जाने की बात बतायी थी। जियारुल की पत्नी और परिवार के साथ यह आखिरी बातचीत हुई थी।

तीन महीने पहले अपने दूसरे बच्चे मोमई के जन्म के दौरान जियारुल रौमारी स्थित घर छुट्टी पर आये थे और डेढ़ महीने का समय बिताकर ड्यूटी ज्वाइन किया था।

जियारुल के शहीद होने की खबर इलाके में फैलने के बाद से दो दिनों से उनके रौमारी आवास पर लोगों का तांता लगा हुआ था। आज रौमारी क्षेत्र के लोग जियारुल हक को खिलाड़ी, समाजसेवी, आदर्शवादी युवक के रूप में याद कर रहे हैं।

आज जियारुल का पार्थिव शरीर पैतृक गांव भवानीपुर के रौमारी गांव में पूरे सैन्य सम्मान के साथ लाया गया। सरकार की ओर से मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार मंत्री रंजीत कुमार दास ने 5 लाख रुपये की एकमुश्त सहायता राशि परिवार को प्रदान की। गांव के सार्वजनिक कब्रिस्तान में जियारुल हक का अंतिम संस्कार पूरे सैनिक सम्मान के साथ किया गया। जियारुल हक को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों का तांता लगा रहा।

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