उक्त बाते भारतीय जनता पार्टी एनजीओ प्रकोष्ठ के प्रांत सह-संयोजक रजनीकांत ने भाजपा राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा चलाये जा रहे संपर्क व संवाद कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं से बात करते हुए कहा कि हमें जल संरक्षण व स्वच्छता अभियान को जन-जन तक पहुंचाना है यह काम हम सब स्वयंसेवी संस्थाएं व स्वयंसेवक के बल पर संभव है नागरिकों में जागरूकता पैदा करना हम सबका प्रथम कर्तव्य बनता है जल प्रकृति की हम सबको दिया हुआ अनमोल उपहार है हमें आने वाली पीढ़ी को स्वच्छ और सुंदर वातावरण का कैसे निर्माण हो हम सबको चिंता करनी चाहिए बिना जल के जीवन सम्भव नहीं है। पीने के लिए शुद्धजल हमारे लिए जरूरी है । क्योंकि स्वच्छ एवं सुरक्षित जल अच्छे स्वास्थ्य की कुँजी है । आज कई जगहों पर लोगों को एक-एक घड़े शुद्ध पेयजल के लिए मीलों भटकना पड़ रहा है भारत सहित विश्व के अनेकों देश जल संकट से जूझ रहे हैं । जल जैसी प्रकृतिक संसाधन की बचत करना बहुत जरूरी है, ताकि आने वाली पीढि़यों को ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़े वैसे जल संकट तो हमारी भूलों और लापरवाहियों से ही उपजा है । हम अनावश्यक रूप से तथा अधिक मात्रा में जल का दोहन कर रहे हैं। दैनिक उपयोग में आवश्यकता से अधिक मात्रा में जल का अपव्यय करने की आदत ने जल संकट बढ़ा दिया है । जनसंख्या वृद्धि भी एक हो रहा है जिसके कारण भी जल का उपभोग बढ़ता जा रहा है। खेती एवं उद्योगों में अधिक उत्पाद लेने की खातिर जल का उपभोग बढ़ा दिया है। जल स्रोतों से जल के उपभोक्ता तक पहुँच से पहले ही पाँचवा हिस्सा गटर में चला जाता है। वृक्षों की अंधाधुंध कटाई व वनों के लगातार घटने से वर्षा होने की अवधि व साथ ही वर्षा की मात्रा में भी कमी आ रही है । कुओं, नलकूपों, तालाबों से अन्धाधुन्ध जल दोहन के कारण भूजल में कमी आ गई है। धरती में जल स्तर निरन्तर नीचे जा रहा है। कल-कारखानों से निकले दूषित जल व शहरी क्षेत्रों के गटर एवं कूड़े-कचरे ने जलस्रोतों को प्रदूषित कर दिया है जिससे पीने के पानी का संकट खड़ा हो गया है। यह सब कुछ अनियन्त्रित मानवीय गतिविधियों के कारण ही हुआ है। इसका निराकरण भी मानव ही कर सकता है। जल प्रकृति की अनमोल देन है और इसका कोई विकल्प नही है इसलिए हर व्यक्ति का दायित्व है कि वे जल के महत्व को समझते हुए इसका सदुपयोग करे और जल को व्यर्थ में न बहने दें। आइये आज हम जल शक्ति अभियान से जुड़ संकल्प ले कि जल बर्बादी रोककर जल संरक्षण करेंगे । अमृत समान गंगा जल का संरक्षण करना भारतीय राष्ट्रीय जीवन की मौलिक आवश्यकता है । आइए हम संकल्प लें माता की तरह हितकारिणी नदियों, कुंड, तालाब , भूगर्भ जल का संरक्षण करेंगे जल को व्यर्थ बहने नहीं देंगे कार्यक्रम में प्रमुख रूप से अवनीश कुमार विपुल कुमार , कु.रिद्धि श्रीवास्तव , अनूप कुमार , निष्कर्ष श्रीवास्तव , श्रीमती शशि कला , संतोष सिंह , रजनीश उपाध्याय , मनोज निगम , धनंजय सिंह , सुरेश दीक्षित , अजय श्रीवास्तव , गौरव शर्मा , तृप्ति केसरवानी ,रेशमा सिंह पटेल ,उर्वर्शी विस्वकर्मा आदि कार्यकर्त्ता मौजूद रहे