मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उदयपुर में हुआ हत्याकांड आंतक फैलाने के मकसद से किया गया था। हत्या में शामिल आरोपितों के अन्य देशों में भी संपर्क उजागर हुए हैं। गहलोत ने सभी पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए उदयपुर की घटना में शामिल आरोपितों की त्वरित गिरफ्तारी करने वाले पांचों पुलिसकर्मियों को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन देने का फैसला किया है।
मुख्यमंत्री गहलोत ने उदयपुर की घटना पर बुधवार को उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। इसके बाद मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया कि समीक्षा बैठक में पुलिस अधिकारियों ने उन्हें बताया कि प्रारम्भिक जांच में सामने आया है कि घटना प्रथम दृष्टया आतंक फैलाने के उद्देश्य से की गई है। दोनों आरोपितों के दूसरे देशों में भी संपर्क होने की जानकारी सामने आई है। उन्होंने लिखा कि वर्तमान हालात को देखते हुए पुन: अपील करता हूं कि सभी पक्ष शांति बनाए रखें। इस घटना में मुकदमा यूएपीए के तहत दर्ज किया गया है, इसलिए अब आगे की जांच एनआईए द्वारा की जाएगी, जिसमें राजस्थान एटीएस पूर्ण सहयोग करेगी। पुलिस एवं प्रशासन पूरे राज्य में कानून व्यवस्था सुनिश्चित करें एवं उपद्रव करने के प्रयासों पर सख्ती से कार्रवाई करें।
मुख्यमंत्री ने बताया कि पुलिस अधिकारियों के अनुसार प्रारम्भिक जांच में सामने आया कि घटना प्रथम दृष्टया आतंक फैलाने के उद्देश्य से की गई है। दोनों आरोपितों के दूसरे देशों में भी संपर्क होने की जानकारी सामने आई है। उदयपुर की घटना में शामिल आरोपितों की त्वरित गिरफ्तारी करने वाले पांच पुलिसकर्मियों तेजपाल, नरेन्द्र, शौकत, विकास एवं गौतम को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन देने का फैसला किया है।
गौरतलब है कि उदयपुर में सुप्रीम टेलर के मालिक कन्हैयालाल तेली की नृशंस हत्या के बाद पूरे शहर में जगह-जगह पुलिस तैनात कर दी गई है। सात थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। एनआईए की टीम और एसआईटी उदयपुर में मौजूद है।
उधर, ‘कन्हैयालाल अमर रहें’ नारों के बीच पार्थिव शरीर का बुधवार को कर्फ्यू के साये में अंतिम संस्कार कर दिया गया। फिलहाल एहतियात के तौर पर पूरे राजस्थान में 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा निलंबित है।