– अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा ने गुरुद्वारों के आतंकवादियों के कब्जे में जाने की आशंका जताई
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने अफगानिस्तान में सिख समुदाय और उनके धार्मिक स्थलों पर होने वाले आतंकवादी हमलों पर चिंता व्यक्त करते हुए विदेश मंत्रालय से उन्हें विशेष सुरक्षा प्रदान करने की मांग की है।
आयोग का कहना है कि काबुल में होने वाले आतंकवादी हमले के बाद से वहां पर रहने वाले सिख काफी भयभीत हैं। इससे पहले जब अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार ने सत्ता संभाली थी तो बड़ी संख्या में सिख समुदाय के लोग अफगानिस्तान छोड़कर भारत आ गए थे और उनके धार्मिक स्थल गुरुद्वारे वहां पर खाली पड़े हुए हैं। आयोग का कहना है कि उन्हें इस बात का संदेह है कि इन गुरुद्वारों पर आतंकवादी संगठनों के जरिए कब्जा किया जा सकता है। इसलिए भारत सरकार को चाहिए कि वह अफगानिस्तान की तालिबान सरकार से अफगानिस्तान में खाली पड़े सिख गुरुद्वारों की सुरक्षा को सुनिश्चित कराने के लिए बातचीत करे।
आयोग के अध्यक्ष सरदार इकबाल सिंह लालपुरा ने विदेश मंत्रालय से यह मामला उठाते हुए कहा कि अफगानिस्तान में करीब 15 गुरुद्वारे मौजूद हैं जो कि दुनियाभर के सिख समुदाय की आस्था का केंद्र हैं। उनका कहना है कि सिख समुदाय के लिए गुरुद्वारे काफी अहमियत रखते हैं। भारत सहित दुनियाभर के सिख समुदाय के लोग अफगानिस्तान में खाली पड़े गुरुद्वारों को लेकर चिंतित हैं। उनका कहना है कि भारत सरकार को इस मामले में गंभीरता दिखाने की जरूरत है। विदेश मंत्रालय को इस मामले को तालिबान सरकार के साथ उठाना चाहिए और वहां पर मौजूद सभी सिख गुरुद्वारों की सुरक्षा को सुनिश्चित कराना चाहिए।
लालपुरा का कहना है कि जिस तरह से काबुल के गुरुद्वारे में अरदास और प्रार्थना के समय आतंकवादियों ने हमला किया और वहां मौजूद सिख समुदाय के लोगों को डराने की कोशिश की है, उससे जाहिर होता है कि आतंकवादियों के इरादे नेक नहीं हैं। उनका इरादा खाली पड़े गुरुद्वारों पर कब्जा करके अपनी आतंकवादी गतिविधियों को संचालित करने का लगता है। उनका कहना है कि इसीलिए भारत सरकार को चाहिए कि वह सिख समुदाय की भावनाओं को देखते हुए वहां पर मौजूद गुरुद्वारों और सिख समुदाय के लोगों की सुरक्षा के लिए वहां की सरकार से बातचीत करें और उन्हें सुरक्षा प्रदान करने के लिए राजी करने की कोशिश करें।