महाराष्ट्र में शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे और अन्य बागी विधायकों के खिलाफ सोमवार को बॉम्बे हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। इस याचिका में महाराष्ट्र में राजनीतिक उथल-पुथल पैदा करने, आंतरिक अव्यवस्था को भड़काने, कर्तव्यों की चूक और नैतिक गलतियों के लिए शिंदे गुट पर कार्रवाई की मांग की गई है।
यह याचिका उत्तल बाबूराव चांदवार, अभिजीत विलासराव घुले-पाटिल, नीलिमा सदानंद वर्तक, हेमंत मधुकर कार्णिक, मनाली गुप्ते, मेधा कृष्णा कुलकर्णी और माधवी कुलकर्णी की ओर से की गई है। इनमें तीन लोग ठाणे के, दो पुणे के और दो मुंबई के रहने वाले हैं। वकील असीम सरोदे और अजिंक्य उडाने के जरिए दायर याचिका में हाई कोर्ट से विद्रोही नेताओं को राज्य में लौटने और अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने का निर्देश देने की मांग की गयी है। याचिकाकर्ताओं का दावा है कि वे महात्मा गांधी के विचारों के अनुयायी हैं।
याचिका में शिवसेना के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार को अपने कई मंत्रियों की अनुपस्थिति में शासन की प्रक्रिया का विवरण देते हुए आश्वासन की एक विस्तृत योजना प्रस्तुत करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है। याचिका में कहा गया है, समुदाय के लिए काम करने के बजाय, प्रतिवादी (एकनाथ शिंदे और अन्य बागी विधायक) राज्य के शासन के भीतर एक आंतरिक अव्यवस्था को भड़काकर व्यक्तिगत लाभ हासिल करने का लक्ष्य बना रहे हैं। शिवसेना अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत का नेतृत्व कर रहे एकनाथ शिंदे पिछले छह दिनों से भाजपा शासित राज्य असम के गुवाहाटी होटल में डेरा डाले हुए हैं। इससे महाराष्ट्र में नागरिकों का कामकाज ठप पड़ गया है।
आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल