Search
Close this search box.

फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी पाने वाले दोषी की सजा घटाई

Share:

सांकेतिक फोटो

सत्यदेव सिंह को तीस साल पुराने आपराधिक घटना के लिए 2017 में सात साल की सजा मिली थी। उसने पांच साल जेल में बिता दिए। दो साल में सजा पूरी होनी थी। हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट की सात साल की सजा की पुष्टि की।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फर्जी दस्तावेज बनाकर धोखाधड़ी और षड्यंत्र के चलते पोस्ट ऑफिस की नौकरी गंवा चुके सजायाफ्ता अपीलार्थी के प्रति नरम रुख अपनाया है। कोर्ट ने दोषी को मिली सात साल कैद की सजा को कम कर दिया है और उसके द्वारा जेल में बिताई गई पांच साल की अवधि को पर्याप्त माना है।

सत्यदेव सिंह को तीस साल पुराने आपराधिक घटना के लिए 2017 में सात साल की सजा मिली थी। उसने पांच साल जेल में बिता दिए। दो साल में सजा पूरी होनी थी। हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट की सात साल की सजा की पुष्टि की, लेकिन सात साल की सजा में दो साल सजा कम कर दी।

कोर्ट ने पांच साल कैद को सजा के लिए पर्याप्त माना। कोर्ट ने कहा है कि जेल दंड के साथ सुधारात्मक भी होती है। कोर्ट ने जुर्माना न देने पर छह माह की सजा घटाकर दो माह कर दिया है। यह फैसला न्यायमूर्ति गौतम चौधरी ने सत्यदेव सिंह की आपराधिक अपील को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए दिया है।

 

अपीलार्थी के अधिवक्ता का कहना था कि घटना के समय वह जवान था। अब काफी उम्र हो चुकी है। अधिकतम सात साल की सजा का प्रावधान है। उसने पांच साल जेल में काट लिए है। सजा कम कर उसे सुधरने का अवसर दिया जा सकता है। अपीलार्थी को सीबीआई कोर्ट गाजियाबाद ने 25 जनवरी 17 को सजा सुनाई थी। तभी से आरोपी जेल में बंद है, जिसे अपील में चुनौती दी गई थी।

अपीलार्थी के अधिवक्ता ने केवल सजा के मुद्दे पर बहस की और कोर्ट से उदारता बरतने की गुजारिश की। जिस पर कोर्ट ने नरम रुख अपनाया और जेल में बिताए समय तक सजा सीमित कर दी। अपीलार्थी के खिलाफ  देहरादून में सीबीआई ने एफ आई आर दर्ज कराई थी, जिसका ट्रायल गाजियाबाद सीबीआई कोर्ट में किया गया। सत्यदेव सिंह पर षड्यंत्र धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार सहित कई आरोप लगाए गए थे।  आशा खबर / शिखा यादव 

Leave a Comment

voting poll

What does "money" mean to you?
  • Add your answer

latest news