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ऑक्सीजन प्लांट तो लगा दिया, कनेक्टिविटी देना भूल गए

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आगरा के जिला अस्पताल में अधूरा पड़ा ऑक्सीजन प्लांट

कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से निबटने के लिए सरकार को भेजे गए तैयारियों के आंकड़ों और जमीनी हकीकत में बड़ा फर्क सामने आया है। 226 बेड वाले तेज बहादुर सप्रू अस्पताल के आपरेशन थिएटर समेत चार वार्डों के बेडों पर भर्ती मरीजों को ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है।

कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए अस्पताल कितने तैयार हैं, इसकी हकीकत जाननी हो तो तेज बहादुर सप्रू अस्पताल के वार्डों में चले जाइए। यहां के वार्डों में मरीजों के लिए सांस खरीदनी पड़ रही है। 2200 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन का उत्पादन करने वाली क्षमता के प्लांट लगे हैं, लेकिन कई बार्डों में अभी तक पाइप लाइन बिछने के बाद भी आक्सीजन प्लांट से कनेक्टिविटी ही नहीं हो पाई है। ऐसे में इन वार्डों में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ने पर अस्पताल प्रशासन को बाहर से सिलिंडर भरवानी पड़ रही है।

कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से निबटने के लिए सरकार को भेजे गए तैयारियों के आंकड़ों और जमीनी हकीकत में बड़ा फर्क सामने आया है। 226 बेड वाले तेज बहादुर सप्रू अस्पताल के आपरेशन थिएटर समेत चार वार्डों के बेडों पर भर्ती मरीजों को ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है। आर्थो वार्ड यानी सरयू वार्ड, व्यास वार्ड के अलावा प्राइवेट वार्ड में बिछाई गई पाइप लाइनों को ऑक्सीजन प्लांट से न जोड़े जाने की वजह से यह नौबत आई है।

 

इस अस्पताल के 152 बेडों पर पाइप लाइन जुड़ी है। जबकि, 78 बेड ऐसे हैं, जहां अभी तक ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं शुरू हो सकी है। इसके पीछे वजह है इन वार्डों की पाइप लाइन को बार-बार पत्राचार के बाद भी आक्सीजन प्लांट से न जोड़ा जाना। पता चला है कि कायदायी संस्था पीडब्ल्यूडी की ठेका कंपनी ने ऑक्सीजन प्लांट से पाइप लाइन जोड़ने में इसलिए हाथ खड़े कर दिए हैं, क्योंकि उसका लंबे समय से भुगतान बाकी है। भुगतान इसलिए नहीं हो पा रहा है, क्योंकि तीसरी लहर की तैयारी के समय पाइप लाइन बिछाने का काम अफसरों के मौखिक आदेश पर ही करा दिया गया था।

अब भुगतान के लिए जिम्मेदारी लेने के लिए कोई अफसर तैयार नहीं हो रहा है। ऐसे में फजीहत मरीजों की बड़ गई है। नाम न छापने के आग्रह पर अस्पताल कर्मियों का कहना है कि इन वार्डों में जरूरत पड़ने पर बाहर से आक्सीजन सिलेंडर भरवाना पड़ रहा है। यह तब है जब कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। कहा जा रहा है कि समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं हुआ तो मरीजों की दिक्कतें बढ़ सकती हैं।

आपरेशन थिएटर में ऑक्सीजन पाइप लाइन तक नहीं
बेली अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर में पाइप लाइन तक नहीं बिछ सकी है। इसके लिए सीएमएस किरन मलिक ने कई बार उच्चाधिकारियों को पत्र भी लिखा। सीएमएस के आग्रह के बाद भी आपरेशन थिएटर में ऑक्सीजन पाइप लाइन न बिछने से मरीजों की मुश्किल का अंदाजा लगाया जा सकता है।

मंत्री के निर्देश के बाद भी ऑक्सीजन प्लांट से नहीं जुड़ सकी वार्डों की पाइप लाइन 
छह मई को अस्पताल के दौरे पर आए कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर को सीएमएस डॉ. किरन मलिक ने कई वार्डों में ऑक्सीजन की पाइप लाइन प्लांट से कनेक्ट न होने की की जानकारी दी थी। इस पर मंत्री ने सीडीओ को तत्काल वार्डों की पाइप लाइन ऑक्सीजन प्लांट से जोड़वाने का निर्देश दिया था। लेकिन, मंत्री के जाने के बाद हालात जस के तस रह गए।

बेली अस्पताल में 2200 एलपीएम क्षमता के लगे हैं दो ऑक्सीजन प्लांट
तेज बहादुर सप्रू अस्पताल (बेली) में कोरोना संक्रमण से निबटने के लिए दो ऑक्सीजन प्लांट लगे हैं। पहले 590 लीटर प्रति मिनट (एलपीएम) क्षमता का प्लांट स्वीकृत किया गया था। लेकिन, जब बेड की संख्या के लिहाज से इसे कम बताया गया तब वहां 1200 लीटर प्रति मिनट क्षमता का प्लांट लगाया गया। इसके बाद पीएम केयर फंड से 1000 लीटर प्रति मिनट क्षमता का दूसरा ऑक्सीजन प्लांट इस अस्पताल में स्थापित किया गया। अब वहां 2200 लीटर प्रति मिनट क्षमता के ऑक्सीजन प्लांट स्थापित हैं।

पाइप लाइन बिछाने और प्लांट से जुड़े कार्यों के लिए 39 लाख रुपये का बजट शासन से मांगा गया है। यह प्रक्रियाधीन है। बजट का इंतजार किया जा रहा है। धनराशि आते ही पाइप लाइन जोड़ने और बाकी हिस्सों में बिछाने का काम पूरा कराया जाएगा। संजय खत्री, जिलाधिकारी, प्रयागराज।  

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