दुनिया के कई देश पिछले कुछ महीनों से मच्छर जनित गंभीर बीमारी की चपेट में हैं। के मुताबिक इस साल वैश्विक स्तर पर कई लोकप्रिय यात्रा स्थलों पर डेंगू के मामले रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं। ब्रेकबोन फीवर या डेंगू बुखार के नाम से जानी जाने वाली ये बीमारी गंभीर स्थितियों में जानलेवा भी हो सकती है, जिसको लेकर अलर्ट जारी किया गया है।
सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के विशेषज्ञों ने कहा, डेंगू गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। इससे पीड़ितों में रक्त वाहिकाओं की क्षति जैसी गंभीर जटिलताओं के साथ अंगों की विफलता का भी खतरा रहता है, इसलिए इसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए।
सीडीसी की रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष पहले ही 745 अमेरिकी यात्रियों में डेंगू बुखार का निदान किया जा चुका है। इस वायरस ने अमेरिकी के प्यूर्टो रिको में लगभग 1,500 लोगों को संक्रमित किया है, जिसके कारण वहां के अधिकारियों ने सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल तक घोषित कर दिया है।
सीडीसी के हालिया डेटा के अनुसार साल 2010 से 2017 तक अमेरिका में डेंगू के वार्षिक मामलों की औसत संख्या 626 थी। इसका सबसे ज्यादा जोखिम उन लोगों में देखा जाता रहा है जिन्होंने डेंगू प्रभावित राज्यों की यात्रा की है या ऐसी जगहों पर रहते हैं।
गौरतलब है कि डेंगू की स्थिति पर अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो इससे आंतरिक रक्तस्राव का खतरा हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा है कि जिन स्थानों पर डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं वहां पर बचाव को लेकर खास सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता है।
भारत में भी लोगों को किया गया सावधान
भारत में मानसून की शुरुआत हो चुकी है और ये मौसम मच्छरों के प्रजनन के लिए सबसे अनुकूल माना जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस साल मानसून से पहले ही महाराष्ट्र और आसपास के कई शहरों में डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। मानसून की शुरुआत से पहले ही इस साल मई तक महाराष्ट्र में करीब 1800 लोगों में डेंगू का निदान किया गया है। अस्पतालों में भी संक्रमितों की भीड़ बढ़ती देखी गई है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि बरसात के दौरान डेंगू के मामले और भी बढ़ सकते हैं, जिसको लेकर सभी लोगों को अभी से सावधान हो जाने की आवश्यकता है।
डेंगू से कैसे करें बचाव?
सीडीसी ने जारी अलर्ट में कहा है कि अगर किसी में डेंगू बुखार के लक्षण नजर आते हैं या हाल के दिनों में डेंगू प्रभावित इलाकों की यात्रा की है तो डॉक्टर से मिलकर एक बार जांच जरूर करा लें।
वायरस से संक्रमित हर व्यक्ति में लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। इसमें बुखार के साथ-साथ मतली, उल्टी, शरीर पर चकत्ते, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द या सिरदर्द की समस्या हो सकती है। समय पर सहायक उपचार मिल जाने से लक्षणों को गंभीर रूप लेने से बचाया जा सकता है।
डेंगू से कैसे बचें?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, डेंगू का कोई विशिष्ट उपचार नहीं है। संक्रमितों को लक्षणों को कम करने के लिए सहायक उपचार दिए जाते हैं। डेंगू से बचाव के लिए सभी लोगों को निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए।
- डेंगू वायरस वाले मच्छर सुबह से शाम तक सबसे अधिक सक्रिय होते हैं, ये रात में भी काट सकते हैं। मच्छरों के काटने से बचने के लिए सुरक्षात्मक कपड़े पहनें।
- लंबी आस्तीन वाली शर्ट और पैंट पहनें।
- मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए घर के आस-पास गंदगी या जलजमाव न होने दें।
- गमलों, कूलर के पानी या खाली बर्तनों में पानी को इकट्ठा होने से रोकें।
- शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाने के लिए निरंतर उपाय करते रहें।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।