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अमेरिका ने कहा- तिब्बत को मान्यता जल्द, भारत पहुंचे यूएस प्रतिनिधिमंडल की दलाईलामा से मुलाकात आज

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अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल बुधवार को तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा से मुलाकात करेगा।

Dharamshala: US delegation reached India, met religious leader today

भारत पहुंचे अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि तिब्बत को जल्द ही आजाद देश की मान्यता मिल जाएगी। अमेरिकी संसद के निचले सदन में प्रस्ताव पास हो गया है। जल्द ही इस पर राष्ट्रपति हस्ताक्षर करेंगे। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल बुधवार को तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा से मुलाकात करेगा। अमेरिका के इस रुख से बौखलाए चीन ने कहा, अमेरिका दुनिया को गलत संकेत भेजना बंद करे। दलाई लामा धर्म की आड़ में चीन विरोधी अभियान चला रहे हैं।

अमेरिका की हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के चेयरमैन माइकल मैक्कॉल के नेतृत्व में सात सदस्यीय दल विशेष विमान से मंगलवार को धर्मशाला के गगल एयरपोर्ट पहुंचा। एयरपोर्ट पर तिब्बती समुदाय ने उनका स्वागत किया। शाम को माइकल और अमेरिकी संसद के प्रतिनिधि सदन की पूर्व स्पीकर नैंसी पेलोसी ने निर्वासित तिब्बत सरकार की संसद को संबोधित किया और तिब्बत की आजादी का समर्थन किया।

प्रतिनिधिमंडल बुधवार को दलाई लामा, भारत सरकार के अधिकारियों व अमेरिकी व्यावसायियों से मुलाकात करेगा। दलाई लामा इलाज के लिए 20 जून को अमेरिका जा रहे हैं। उनकी यात्रा से पहले मैक्लॉडगंज में प्रतिनिधिमंडल उनसे मुलाकात के लिए पहुंचा है। दौरे का मकसद द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत करना है। इस दौरे पर चीन की भी नजर है, क्योंकि दलाई लामा के पुनर्जन्म की प्रक्रिया को उसकी ओर से नियंत्रित करने के प्रयास होते रहे हैं। संवाद/ब्यूरो

सियासत कर रहे दलाई लामा : चीन
चीन ने अमेरिका को तिब्बत के बारे में अपनी प्रतिबद्धता पर कायम रहने के लिए कहा है। दिल्ली स्थित चीनी दूतावास ने बयान जारी कर कहा, 14वें दलाई लामा पूरी तरह धार्मिक शख्सियत नहीं, बल्कि राजनीतिक निर्वासित शख्स हैं, जो धर्म के आवरण में चीन विरोधी अलगाववादी अभियान चला रहे हैं। 

  • दूतावास ने कहा, अमेरिकी पक्ष से अपील है कि वह दलाई समूह के चीन विरोधी अलगाववादी प्रकृति को समझे, शिजांग (तिब्बत) को लेकर चीन से की गई अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान करे और दुनिया को गलत संकेत भेजना बंद करे। शिजांग से जुड़ा हर मामला चीन का घरेलू मामला है।
  • चीन अपनी संप्रभुता, सुरक्षा और विकास से जुड़े हितों की रक्षा के लिए सख्त उपाय करेगा। किसी बाहरी दखल की अनुमति नहीं दी जाएगी। चीन को दबाने या झुकाने के लिए शिजांग को अस्थिर करने का किसी को प्रयास नहीं करना चाहिए। हम अमेरिका से अपील करते हैं कि वह स्वतंत्र शिजांग के अभियान को समर्थन न दे।

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