अब यूपी में 10 सीटों पर होने वाले उप-चुनाव को लेकर घमासान शुरू हो गया है। यूपी में विधानसभा की 10 रिक्त सीटों के लिए सपा ने रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी है। कांग्रेस महाराष्ट्र और हरियाणा में सपा को सीटें देगी तो ही यूपी में कांग्रेस के दावे पर सपा विचार करेगी।
यूपी में विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस-सपा का गठबंधन महाराष्ट्र और हरियाणा चुनाव पर निर्भर करेगा। अगर कांग्रेस इन दो राज्यों में सपा को सीट देने के लिए तैयार हुई, तभी सपा यूपी विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के किसी दावे पर विचार करेगी। यूपी में शीघ्र ही विधानसभा की 10 रिक्त सीटों पर चुनाव होने हैं।
इनमें से एक सीट सीसामऊ (कानपुर) से सपा विधायक इरफान सोलंकी को सजा होने से रिक्त हुई है, जबकि नौ विधानसभा सदस्य अब लोकसभा सांसद बन चुके हैं। सपा के चार विधायकों अखिलेश यादव, अवधेश प्रसाद, लालजी वर्मा और जियाउर रहमान बर्क की सीटें उनके लोकसभा सदस्य चुने जाने के बाद रिक्त हो गई हैं।
अखिलेश यादव वर्ष 2019 का विधानसभा चुनाव करहल, अवधेश प्रसाद मिल्कीपुर, लालजी वर्मा कटेहरी और जियाउर रहमान कुंदरकी से जीते थे। खैर से भाजपा विधायक अनूप प्रधान वाल्मीकि, गाजियाबाद से अतुल गर्ग और फूलपुर से भाजपा विधायक प्रवीण पटेल के भी लोकसभा सदस्य चुने जाने से अब यह स्थान खाली हो गए हैं।
मझवा (मिर्जापुर) से निषाद पार्टी के विधायक विनोद कुमार बिंद और मीरापुर से रालोद के विधायक चंदन चौहान भी अब सांसद हो गए हैं। इस तरह से शीघ्र ही चुनाव आयोग इन 10 रिक्त सीटों पर चुनाव कराएगा। कांग्रेस इंडिया गठबंधन के तहत सपा से विधानसभा उपचुनाव में भी साझेदारी चाह रही है।
यहां बता दें कि महाराष्ट्र में वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में सपा के दो विधायक जीते थे। इससे पहले भी सपा वहां चुनाव जीतती रही है। इसी आधार पर सपा ने महाराष्ट्र में दावा करने का फैसला किया है।
वहीं, हरियाणा की 20 सीटों पर मुस्लिम-यादव समीकरण प्रभावी हैं, जिसे सपा अपने पक्ष में मानती है। इस बारे में सपा के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी का कहना है कि यूपी में सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन है, लेकिन उपचुनाव में सीटों के मामले में कोई भी निर्णय समय आने पर सपा नेतृत्व ही लेगा।