शरणार्थी ओलम्पिक टीम में कुल 36 खिलाड़ी होंगे, जिनके नामों की घोषणा, अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (IOC) के अध्यक्ष थॉमस बैश ने गुरुवार को स्विट्जरलैंड के लौसाने में एक समारोह के दौरान की। ये 36 खिलाड़ी 11 देशों से होंगे और 12 खेलों में शिरकत करेंगे।
अफगानिस्तान की पहली महिला ब्रेकडांसर, कैमरून में पैदा हुए एक ब्रिटिश बॉक्सिंग चैम्पियन और वेनेज़ुएला के एक अचूक निशानेबाज शरणार्थी ओलम्पिक टीम के उन खिलाड़ियों में शामिल हैं, जो जुलाई में होने वाले पेरिस खेलों में शिरकत करने वाले हैं। शरणार्थी ओलम्पिक टीम में कुल 36 खिलाड़ी होंगे, जिनके नामों की घोषणा, अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (IOC) के अध्यक्ष थॉमस बैश ने गुरुवार को स्विट्जरलैंड के लौसाने में एक समारोह के दौरान की। ये 36 खिलाड़ी 11 देशों से होंगे और 12 खेलों में शिरकत करेंगे।
समिति के अध्यक्ष थॉमस बैश ने कहा कि आप इन खेलों में शिरकत करके लचीलेपन और उत्कृष्टता में इंसान की संभावनाओं और क्षमताओं का प्रदर्शन करेंगे। इससे दुनिया भर में विस्थापित लगभग 10 करोड़ लोगों को आशा एक संदेश जाएगा। इसके साथ ही आप दुनिया भर में अरबों लोगों को शरणार्थी संकट की विशालता के स्तर के बारे में जागरूक बनाएंगे।
इस शरणार्थी टीम की संरचना को ओलम्पिक समिति के कार्यकारी बोर्ड ने मंजूरी दी है, जिसके लिए एक चयन प्रक्रिया का सहारा लिया गया। इसमें सबसे अधिक तो हर एक खिलाड़ी की खेलकूद क्षमता, कौशल और उत्कृष्टता के साथ-साथ, संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी UNHCR द्वारा प्रमाणित शरणार्थी का दर्जा शामिल थे। इन 36 खिलाडियों का चयन उन शरणार्थी खिलाड़ियों में से किया गया था, जिन्हें ओलम्पिक समिति ने एक स्कॉलरशिप कार्यक्रम के जरिए समर्थन दिया था।
शरणार्थी टीम के कप्तान मासूमाह अली जादा का कहना है कि खुद का प्रतीक चिह्न होने से हमारी कुछ पहचान बनती है और हमें दुनिया भर के उन लगभग 10 करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करने की शक्ति प्रदान करती है, जिन्हें भी हमारी तरह के अनुभव से गुजरना पड़ा है। मासूमाह अली जादा 2020 के टोक्यो के ओलम्पिक खेलों में शिरकत कर चुकी हैं।
(नोट: यह लेख संयुक्त राष्ट्र हिंदी समाचार सेवा से लिया गया है।)