जया ठाकुर ने इस अर्जी में कहा है कि 2021 में उन्होंने याचिका दाखिल की थी कि कैसे दलबदल विरोधी क़ानून को धता बता कर सरकार गिराई जा रही है। विधानसभा से त्यागपत्र देने वाले विधायक नई सरकार में मंत्री बन जाते हैं। तब सुप्रीम कोर्ट से नोटिस जारी होने के बावजूद अभी तक केंद्र सरकार का जवाब नहीं आया है।
2021 में दायर जया ठाकुर की याचिका में मांग की गई है कि संविधान की धारा 191(1)(ई) और दसवीं अनुसूची को लागू किया जाए। याचिका में कहा गया है कि अयोग्य ठहराये गए विधायकों को तब तक उप-चुनाव लड़ने से रोका जाए जब तक उस विधानसभा का कार्यकाल है जिसके लिए वह चुना गया था। याचिका में कहा गया है कि देशभर की राजनीतिक घटनाओं ने दसवीं अनुसूची को बेमानी बना दिया है। सत्ताधारी दल के विधायक इस्तीफा देते हैं और बाद में दूसरे दल की सरकार बनाने में सहयोग करते हैं। उन विधायकों को नई सरकार में मंत्री पद भी दिया जाता है और दोबारा उप-चुनाव लड़ने के लिए टिकट भी दिए जाते हैं।
आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल