रविचंद्रन के बाहर होने के बाद भारत राजकोट टेस्ट में केवल 10 खिलाड़ियों के साथ रह गया है. साथ ही भारत के पास केवल चार पूर्णकालिक गेंदबाज हैं. खेल के नियमों के संरक्षक मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) के अनुसार, अंपायर एक सब्सटीट्यूट फील्डर को अनुमति दे सकते हैं
भारत के दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन मेडिकिल इमरजेंसी के चलते इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट से हट गए है. अश्विन ने शुक्रवार को मैच के दूसरे दिन जैक क्रॉली को अपना शिकार बनाया था और टेस्ट में अपे 500 विकेट भी पूरे किए थे. अश्विन भारत के लिए टेस्ट में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाजों की सूची में दूसरे स्थान पर आ गए हैं. अश्विन पूर्व गेंदबाज अनिल कुंबले के बाद टेस्ट में भारत के लिए 500 विकेट लेने वाले केवल दूसरे भारतीय गेंदबाज हैं. बीसीसीआई ने अश्विन के राजकोट टेस्ट से बाहर होने की बात कंफर्म करते हुए बताया है कि गेंदबाज मेडिकिल इमरजेंसी के चलते राजकोट टेस्ट से हट गए हैं. हालांकि, बोर्ड के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने खुलासा किया कि खिलाड़ी की मां बीमार हैं.
मेडिकिल इमरजेंसी के चलते हटे अश्विन
बीसीसीआई ने अश्विन को लेकर जारी प्रेस रिलीज में कहा,”रविचंद्रन अश्विन मेडिकिल इमरजेंसी के कारण तत्काल प्रभाव से टेस्ट टीम से हट गए हैं. इस चुनौतीपूर्ण समय में, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) और टीम पूरी तरह से अश्विन का समर्थन करती है. बीसीसीआई चैंपियन क्रिकेटर के साथ है. खिलाड़ियों और उनके प्रियजनों का स्वास्थ्य अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है. बोर्ड अश्विन और उनके परिवार की गोपनीयता का सम्मान करने का अनुरोध करता है क्योंकि वे एक चुनौतीपूर्ण समय से गुजर रहे हैं.”
प्रेस रिलीज में आगे कहा गया,”बोर्ड और टीम अश्विन को हर आवश्यक सहायता प्रदान करना जारी रखेगी. साथ ही अगर ज़रूरत पड़ी तो वह उन्हें हर तरह का समर्थन देने के लिए तैयार है. टीम इंडिया इस संवेदनशील समय के दौरान प्रशंसकों और मीडिया की समझ और सहानुभूति की सराहना करती है.”
बोर्ड के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने बताया कि मेडिकिल इमरजेंसी अश्विन की मां से संबंधित है. उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने एक्स पर पोस्ट किया,”अश्विन की मां के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं. उन्हें अपनी मां के पास रहने के लिए राजकोट टेस्ट छोड़कर चेन्नई जाना होगा.”
क्या भारत को मिलेगा अश्विन का सब्सटीट्यूट
रविचंद्रन के बाहर होने के बाद भारत राजकोट टेस्ट में केवल 10 खिलाड़ियों के साथ रह गया है. साथ ही भारत के पास केवल चार पूर्णकालिक गेंदबाज हैं. खेल के नियमों के संरक्षक मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) के अनुसार, अंपायर एक सब्सटीट्यूट फील्डर को अनुमति दे सकते हैं यदि वे इस बात को लेकर संतुष्ट हैं कि मैच के दौरान कोई खिलाड़ी घायल हो गया है या बीमार हो गया है. एमसीसी के नियम संख्या 24.1.1.2 के अनुसार एक टीम ‘पूरी तरह से स्वीकार्य कारण’ के लिए एक सब्सटीट्यूट फील्डर भी रख सकती है.
अश्विन न तो बीमार हैं और न ही घायल हैं, इसलिए भारत को राजकोट में केवल इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स की सहमति से एक सब्सटीट्यूट फील्डर रखने की अनुमति होगी. सब्सटीट्यूट फील्डर को बाकी मैच में बल्लेबाजी या गेंदबाजी करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. केवल कन्कशन सब्सटीट्यूट खिलाड़ियों को ही बल्लेबाजी या गेंदबाजी करने की अनुमति होती है.