भारत से पंगा लेना मालदीव को भारी पड़ा है। चीन के कर्ज में डूबे मालदीव के राष्ट्रपति ने कर्ज का रोना जनता के सामने रोया है। साथ ही कहा कि भारी कर्ज के कारण हम विकास के काम करने में असमर्थ हैं।
स्थानीय मीडिया के अनुसार मालदीव के राष्ट्रपति मोइज्जू ने देश की माली हालत के लिए पूर्ववर्ती सरकारों को जिम्मेदार ठहरा दिया। ‘इंडिया आउट’ का नारा देकर चुनाव जीतने वाले मोइज्जू ने आर्थिक स्थिति के बारे में कहा कि जनता के सामने गुमराह नहीं करना चाहते थे जो उनके प्रशासन को “विरासत में मिली” थी। मोइज्जू को अर्थव्यवस्था की वास्तविक स्थिति का खुलासा करना पड़ा क्योंकि वह उन लोगों के दबाव में थे जो द्वीपसमूह राष्ट्र में रुकी हुई परियोजनाओं के बारे में शिकायत कर रहे थे।
‘मालदीव के लिए दो महीने सबसे कठिन’, बोले मोइज्जू
देश के द्वीपों में से एक गुरैधू की यात्रा के दौरान उन्होंने कहा, “अगले दो महीने सबसे कठिन होंगे। यह सबसे महत्वपूर्ण समय है।” “जुलाई के बाद यह बहुत आसान हो जाएगा। लेकिन हम आय अर्जित करने के लिए आवश्यक काम अभी से शुरू कर रहे हैं।” मालदीव के राष्ट्रपति मोइज्जू पिछले साल नवंबर में राष्ट्रपति बने हैं, तब से ही उनकी देखरेख में नई दिल्ली के साथ माले के रिश्ते प्रभावित हुए हैं। मोइज्जू ने कहा कि न केवल सरकारी लोन बल्कि राज्य के स्वामित्व वाली कंपनियों की उधारी भी अधिक है। उन्होंने कहा, ‘मैं सतत विकास को उसके वास्तविक अर्थ में लाने के लिए ईमानदारी से कोशिश कर रहा हूं।’
‘इंडिया आउट’ कैंपेन चलाकर राष्ट्रपति बने थे मोइज्जू
पिछले साल नवंबर में सत्ता संभालने वाले मुइज्जू का झुकाव चीन की ओर है, जो मालदीव को कर्ज के जाल में फंसा चुका है। मालदीव चीन का सबसे बड़ा कर्जदार है। उन्होंने कहा कि विकास परियोजनाओं को पूरा करने में कठिनाइयां थीं, जबकि “हम कर्ज का प्रबंधन करने की कोशिश कर रहे हैं”। उन्होंने कहा, “मैं और अधिक विकास परियोजनाएं चलाना चाहता हूं। लेकिन यही कारण है कि हम सभी रुकी हुई परियोजनाओं को शुरू नहीं कर सकते और सभी द्वीपों में एक साथ नई परियोजनाएं शुरू नहीं कर सकते।” मालदीव के राष्ट्रपति ने कहा कि वह लोगों से यह नहीं कह सकते कि वह एक ही समय में सभी के अनुरोधों को पूरा करेंगे। मोइज्जू ने कहा कि “जो अर्थव्यवस्था हमें विरासत में मिली है वह खराब स्थिति में है। कर्ज के स्तर के कारण हमें उपाय करने की जरूरत है।”
कर्ज के लिए मोइज्जू आईएमएफ और विश्व बैंक से कर रहे बातचीत
अपने भारत विरोधी रुख को लेकर देश की विपक्षी पार्टियों की आलोचना का सामना कर रहे मोइज्जू ने कहा कि उन्होंने विश्व बैंक और आईएमएफ के अधिकारियों से मुलाकात की और वे इस बात पर सहमत हुए कि देश की अर्थव्यवस्था में सुधार का समाधान सरकार की नीतियों को लागू करना है। उन्होंने कहा, “हम आपको बताएंगे कि क्या किया जा सकता है और क्या किया जाएगा। कुछ चीजों में अधिक समय लग सकता है। हम ईमानदार और अपनी बात के प्रति सच्चे रहेंगे।”