रविवार को मंड्या जिला प्रशासन ने वहां के राम मंदिर के सामने बने 108 फुट ऊंचे स्तंभ से हनुमान ध्वज उतार दिया। इसके बाद से ही वहां पर बवाल मचा हुआ है।
विपक्ष ने प्रदर्शन शुरू किया
जिला प्रशासन के इस कार्रवाई से गांव के लोग काफी नाराज हैं। कोरेगोडू गांव के लोगों ने अपनी नाराजगी जताने के लिए गांव से लेकर कलेक्टर ऑफिस तक मार्च किया। इस मार्च का नेतृत्व भाजपा के पूर्व विधायक प्रतीम गौडा ने किया। इतना ही नहीं भाजपा ने इस घटना के खिलाफ राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों में भी विरोध किया।
प्रशासन ने मामले में क्या कहा?
इस मामले में जिला प्रशासन का कहना है कि जिस जगह पर स्तंभ बना हुआ है, वह सरकारी जमीन है। प्रशासन ने कुछ शर्तों के साथ पंचायत को वहां पर स्तंभ बनाने के लिए NOC दिया था। इन शर्तों में अहम शर्त यह थी कि यहां पर किसी भी तरह का धार्मक या राजनौतिक झंडा नहीं फहराया जाएगा। इस स्थान पर सिर्फ तिरंगा या फिर राज्य ध्वज फहराया जा सकता है।
अधिकारियों ने आगे बताया कि, ‘इन सभी शर्तों को स्वीकार करने वाली चिट्ठी और पंचायत की अंडर टेकिंग हमारे पास है। बता दें कि 22 जनवरी को रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के दिन वहां हनुमान ध्वज लहराया गया मगर किसी ने आपत्ति नहीं की। 26 जनवरी को पंचायत ने यहां तिरंगा फहराया और शाम को उतार दिया। 27 जनवरी को यहां हनुमान ध्वज देखकर कुछ लोगों को आपत्ति हुई, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है।’
गांववालों ने MLA पर लगाया आरोप
इस मामले में गांववालों का मानना है कि स्थानीय MLA रवि गानिगा जो कांग्रेस पार्टी के हैं, उनके कहने पर ही हनुमान ध्वज उतारा गया है।
बता दें कि मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा वहां पुलिस बल का प्रयोग करते हुए ध्वज फहराने के निर्देश दिए गए।