श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने संतों से अपील की है कि दंड, छत्र और पादुका लेकर समारोह में न आएं। अतिथियों की सूची को अंतिम रूप दे दिया गया है। अयोध्या में जुटे संघ और विहिप के पदाधिकारियों ने प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियों का निरीक्षण किया। इसके अलावा रामलला का सिंहासन बनकर तैयार हो गया है।
प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आने वाले अतिथियों की अंतिम सूची तैयार हो गई है। समारोह में साधु-संतों समेत कुल सात हजार अतिथियों को आमंत्रित किया जा रहा है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से देशभर से आने वाले संत-धर्माचार्यों से अपील भी की जा रही है कि वे दंड, छत्र, पादुका व चंवर आदि लेकर समारोह में न आएं।
सोमवार को अयोध्या में संघ के चारों प्रांतों व विहिप के पदाधिकारियों ने बैठक कर अतिथियों की सूची को अंतिम रूप दिया। बैठक से पहले सभी पदाधिकारियों ने राम जन्मभूमि में चल रहे कार्यों का भी निरीक्षण किया। इसके अलावा मूर्ति निर्माण व बाग बिजेसी में निर्माणाधीन टेंट सिटी की भी प्रगति जानी।
इसके बाद रामकोट स्थित ट्रस्ट कार्यालय में करीब दो घंटे तक बैठक हुई। अतिथियों के आवास, आवागमन, भोजन आदि की व्यवस्थाओं पर चर्चा हुई। अतिथियों की सूची पर गहनता से मंथन किया गया, ताकि कोई छूट न जाए। तय हुआ है कि अयोध्या से अतिथि देवो भव: का संदेश जाना चाहिए।
खासकर देशभर से आ रहे विभिन्न परंपराओं के करीब 2500 साधु-संतों के स्वागत में कहीं कोई कमी न रह जाए। सुरक्षा एजेंसियों की अपील पर ट्रस्ट साधु-संतों से दंड, चंवर, छत्र व पादुका लेकर समारोह स्थल पर न आने की अपील कर रहा है।
संघ के पूर्व सह सरकार्यवाह ने भी अयोध्या में कैंप कर दिया है। सोमवार को उन्होंने संघ कार्यालय में पदाधिकारियों के साथ बैठक भी की है। राम जन्मभूमि परिसर जाकर राममंदिर निर्माण की प्रगति देखी। जिलाधिकारी नितीश कुमार व नगर निगम के आयुक्त विशाल सिंह ने भी राममंदिर ट्रस्ट कार्यालय पहुंचकर डॉ़ कृष्ण गोपाल से मुलाकात की।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी तेजी से चल रही है। राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। समारोह में करीब सात हजार अतिथियों को आमंत्रित किया गया है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, बाबा विश्वनाथ धाम व वैष्णो देवी मंदिर के भी प्रतिनिधि समारोह के साक्षी बनेंगे।
भगवान रामलला का सिंहासन बनकर तैयार हो गया है। अब सिर्फ सोने की परत चढ़ाने का काम बाकी है। रामलला का सिंहासन आठ फीट लंबा, चार फीट चौड़ा है। इसमें खास तरह की नक्काशी की गई है। इसका चबूतरा विशेष प्रकार की ईंटों से बनाया गया है। इसके बाद इस पर संगमरमर लगाया गया है। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में रामलला को सोने के सिंहासन पर विराजित किया जाए ऐसी राममंदिर ट्रस्ट की तैयारी है।