ज्ञानवापी की सर्वे रिपोर्ट आज अदालत में दाखिल हो सकती है। जिला जज की अदालत ने 21 जुलाई को सर्वे का आदेश दिया था। चार अगस्त से चल रहा सर्वे अक्तूबर में पूरा हो गया। दो नवंबर को रिपोर्ट पूरी होने की बात कही गई, लेकिन रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा गया।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट मंगलवार को जिला जज की अदालत में दाखिल कर सकता है। अदालत ने रिपोर्ट दाखिल करने की जो समयसीमा तय की थी, उसकी मियाद पूरी हो रही है। मामले की सुनवाई भी मंगलवार को ही होनी है।
जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्ववेश की अदालत ने सील वजूखाने को छोड़कर ज्ञानवापी परिसर के सर्वे का आदेश 21 जुलाई को दिया था। 24 जुलाई से एएसआई ने सर्वे शुरू किया तो अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे के आदेश पर रोक लगाई और मसाजिद कमेटी को इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने का आदेश दिया।
हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं और चार अगस्त को जिला जज के आदेश को सही ठहराया। चार अगस्त से एएसआई ने सर्वे शुरू किया, जो अक्तूबर अंत तक चला। दो नवंबर को एएसआई ने जिला जज की अदालत को बताया कि सर्वे पूरा हो गया, लेकिन रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय की जरूरत है।
जीपीआर तकनीक से हुए सर्वे की रिपोर्ट बनाने में समय लग रहा है। अदालत ने दो बार समयसीमा बढ़ाई थी। मंगलवार को समयसीमा पूरी हो जाएगी। उम्मीद की जा रही कि इस बार रिपोर्ट दाखिल हो जाएगी।
सर्वे का मामला लंबे समय तक फंसा रहा। जिला जज की अदालत के आदेश को अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचा। सर्वे शुरू हुआ तो अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के पदाधिकारियों से तनातनी हो गई।