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अब मेडिकल कॉलेजों में शुरू होगी रेटिंग, शिक्षकों से लेकर हॉस्टल तक की सुविधाओं पर लेंगे प्रतिक्रिया

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जानकारी मिली है कि परिषद की ओर से प्रत्येक मेडिकल कॉलेज के 100 पूर्व छात्रों से एक ऑनलाइन फॉर्म भरवाया जाएगा। साथ ही मौजूदा समय में पढ़ाई करने वाले करीब 25 फीसदी छात्रों का रैंडम चयन कर प्रतिक्रिया ली जाएगी। इन सभी की पहचान गुमनाम होगी।

Now rating will start in medical colleges NMC started plan to formulate

अगले साल से देश में मेडिकल कॉलेजों की रेटिंग शुरू हो रही है। हाल ही में राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) ने कॉलेजों की रेटिंग के लिए भारतीय गुणवत्ता परिषद को जिम्मेदारी सौंपी है। इसके तहत कॉलेज की रेटिंग मौजूदा और पूर्व छात्रों की प्रतिक्रिया पर निर्भर करेगी।

रेटिंग से होगी मेडिकल कॉलेजों की पहचान
जानकारी मिली है कि परिषद की ओर से प्रत्येक मेडिकल कॉलेज के 100 पूर्व छात्रों से एक ऑनलाइन फॉर्म भरवाया जाएगा। साथ ही मौजूदा समय में पढ़ाई करने वाले करीब 25 फीसदी छात्रों का रैंडम चयन कर प्रतिक्रिया ली जाएगी। इन सभी की पहचान गुमनाम होगी। इन छात्रों की प्रतिक्रिया के आधार पर मेडिकल कॉलेज की रेटिंग तय होगी।बताया जा रहा है कि देश के सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की पहचान उनकी रेटिंग से होगी। बेहतर रेटिंग वाले कॉलेजों की अच्छी छवि बनेगी जबकि खराब रेटिंग वाले कॉलेजों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है। रेटिंग को लेकर तय मानकों में शिक्षण ब्लॉक, अस्पताल और छात्रावासों में सुरक्षा उपायों का कार्यान्वयन, पाठ्यक्रम, अनुसंधान और प्रयोगशाला में सुविधाएं शामिल हैं। एनएमसी के मेडिकल असेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड के सदस्य डॉ. जेएल मीना का कहना है कि मेडिकल कॉलेजों का मूल्यांकन और रेटिंग 2024-25 शैक्षणिक सत्र से शुरू होगा।

हर सुविधाओं पर लेंगे प्रतिक्रिया
एनएमसी के नैतिकता और चिकित्सा पंजीकरण बोर्ड के सदस्य और प्रवक्ता डॉ. योगेन्द्र मलिक ने कहा कि रेटिंग के जरिए यह देखा जाएगा कि क्या कॉलेज के छात्रावासों में पर्याप्त मनोरंजन, भोजन और चौबीसों घंटे सुरक्षा सुविधाएं मौजूद हैं? डॉ. मलिक ने बताया कि अब तक आठ मेडिकल कॉलेजों में रेटिंग को लेकर एक ट्रायल किया गया, जो सफल रहा है।

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