उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को मुंबई के फिल्म निर्माताओं, निर्देशकों और कलाकारों से मिलकर फिल्म जगत को उत्तराखंड सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं और सब्सिडी की बात की। उन्होंने इस मौके पर उत्तराखण्ड में फिल्म उद्योग को बढ़ावा देने के सुझाव भी मांगे। लेकिन, इस अवसर पर उत्तराखंड के तमाम दिग्गज फिल्मकारों और कलाकारों की गैरमौजूदगी पूरे कार्यक्रम में चर्चा का विषय रही। कार्यक्रम में आए अभिनेता जितेंद्र ने तो इस कार्यक्रम में खुद को मिले आमंत्रण पर ही आश्चर्य जता दिया। उनका कहना था कि इस बारे में वह क्या सुझाव दे सकते हैं, वह तो अब इंडस्ट्री में सक्रिय भी नहीं हैं।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का मंगलवार को मुंबई में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस शुरू होने से पहले फिल्मी सितारों का आना शुरू हो गया। प्रेस कन्फ्रेंस शुरू होने से पहले जब अभिनेता जितेंद्र से पूछा गया कि उत्तराखण्ड में फिल्म उद्योग को बढ़ावा देने में उनका क्या सुझाव होगा? अभिनेता जितेन्द्र ने कहा, ‘मैं तो अभी एक्टिंग करता नहीं और अभी तो एक्टिंग भी भूल चुका हूं। मैं प्रोड्यूसर भी नहीं हूं तो ऐसे में क्या सुझाव दे सकता हूं।’
अभिनेता जितेन्द्र ने कहा, ‘ऐसे मौके पर एकता (कपूर) को बुलाना चाहिए। वह फिल्म निर्माण में सक्रिय हैं, इस बारे में वह बेहतर बात कर सकती हैं। फिल्म प्रोडक्शन से मेरा कुछ लेना-लेना तो हैं नहीं, इसलिए मुझे नहीं पता है कि इस विषय में क्या बात करनी चाहिए।’ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जब फिल्म निर्माताओं से सुझाव मांगे कि कैसे उत्तराखण्ड में फिल्म उद्योग को बढ़ावा मिल सकता है? इस अवसर पर कई निर्माता निर्देशक और कलाकार मौजूद रहे, लेकिन सुझाव सिर्फ विवेक अग्निहोत्री और रमेश तौरानी ने दिए।
निर्माता-निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने कहा, ‘सब चाहते हैं कि फिल्में अच्छी बने, लेकिन उस पर कोई चर्चा नहीं करना चाहता है। ज्यादातर फिल्म फेस्टिवल ग्लैमर से जुड़ कर रह गए हैं। इस पर चिंतन होना चाहिए, यह कोई राज्य नहीं करता है। मेरा सुझाव यह है कि उत्तराखंड में तीन चार दिन का ऐसे फिल्म फेस्टिवल का आयोजन हो, जिसमें अच्छी फिल्में दिखाई जाए और स्थानीय कलाकारों और टेक्नीशियन में उसमें शामिल करके फिल्मों पर चिंतन किया जाए। पुणे की तरह उत्तराखंड में भी फिल्म इंस्टीट्यूट की स्थापना किया जाए।’ रमेश तौरानी ने अपने सुझाव में कहा, ‘आम तौर पर देखा गया है कि फिल्मों के लिए मिलने वाली सब्सिडी में काफी देरी होती है, अगर समय से मिल जाए तो इससे निर्माताओं को फायदा हो सकता है।’
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुंबई में आयोजित कार्यक्रम में आने के लिए सभी का आभार व्यक्त किया। लेकिन इस कार्यक्रम में इंडस्ट्री का कोई ऐसा बड़ा चेहरा नजर नहीं आया है जो उत्तराखण्ड में फिल्म उद्योग को बढ़ावा देने पर अपनी बात स्पष्ट रूप से कर सके। हिंदी फिल्म इतिहास की सबसे बड़ी हिट फिल्में बनाने वाले उत्तराखंड के ही अली अब्बास जफर की गैरमौजूदगी इस दौरान खास चर्चा का विषय रही। उत्तराखंड से संबंध रखने वाली अभिनेत्रियों में अनुष्का शर्मा, आरुषि पोखरियाल निशंक और उर्वशी रौतेला के भी आने की सबको उम्मीद थी लेकिन वे दोनों भी कार्यक्रम में नजर नहीं आईं।