Movie Review
आर्या सीजन 3
कलाकार
सुष्मिता सेन , इंद्रनील सेनगुप्ता , इला अरुण , विकास कुमार और विश्वजीत प्रधान आदि
लेखक
खुशबू राज , अमित राज और अनु सिंह चौधरी
निर्देशक
कपिल शर्मा , श्रद्धा पासी जयरथ और राम माधवानी
निर्माता
अमित माधवानी , राम माधवानी और एंडेमॉल शाइन इंडिया
ओटीटी
डिज्नी प्लस हॉटस्टार
रिलीज
3 नवंबर 2023
रेटिंग
कभी दुनिया भर की सबसे सुंदर युवती का खिताब जीतने वाली अभिनेत्री सुष्मिता सेन के प्रशंसकों ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उनकी ये पसंदीदा अभिनेत्री एक दिन डॉन का किरदार करती भी नजर आएगी। लेकिन, राम माधवानी के रचे एक विदेशी वेब सीरीज के देसी संसार में सुष्मिता अब वह सब कुछ करती नजर आ रही हैं, जो हिंदी सिनेमा में आम तौर पर एक खलनायक करता है। पुलिस को गच्चा देना, पुलिस विभाग में मौजूद अपने जासूस से सारी खोज खबर रखना, एसीपी खान की हर कोशिश से पहले अपना एक ऐसा दांव चल देना, जो आर्या सरीन को हर बार एक कदम आगे कर देता है। लेकिन, इस बार रूसी माफिया भी उस पर नजर रखे हुए है और खेल में शामिल हुई एक नई खिलाड़ी भी।
गॉडमदर बनने की तैयारी
तीसरे सीजन में आर्या की घर-परिवार की दुश्वारियां पहले से कहीं ज्यादा बढ़ चुकी हैं। बेटा अपनी दोस्त को गर्भवती कर चुका है और उसकी दोस्त में आर्या के धंधे की जान वैसे ही अटकी है जैसे कहानियों में राजा की तोते में अटकी होती है। सूरज अपनी पत्नी नंदिनी की हत्या का बदला लेने के लिए पागल हो चुका है। आर्या की बेटी की भी क्षेपक कथा चल निकली है और उसे पता ही नहीं है कि जिस पर वह जान छिड़कती है, वह कैसे उसकी मां की जान का दुश्मन बना हुआ है। आर्या सीजन तीन का पूरा दांव पेंच अभी सिर्फ चार एपिसोड का ही खुला है और चौथे एपिसोड तक आते आते कहानी एक बार फिर अपना रुख बदल चुकी है। इस रुख के बाद कहानी जिस करवट बैठेगी, उसी पर इस सीजन के उपसंहार तक आते आते असलियत भी सामने आएगी।
कतरा कतरा खिलती कहानी
‘द नाइट मैनेजर’ से डिज्नी प्लस हॉटस्टार को एक अच्छी खासी वेब सीरीज को दो टुकड़ों में तोड़ कर रिलीज करने का जो चस्का लगा है, वही प्रयोग ये ओटीटी यहां भी कर रहा है। गनीमत बस ये है कि यहां सुष्मिता सेन का आभामंडल कहानी का असली स्टार है। वह हालांकि करती कम और बोलती ज्यादा है लेकिन अनजाने में ही नशीले पदार्थों के अंतर्राष्ट्रीय कारटेल का हिस्सा बन चुकी आर्या का तीन बच्चों की मां होना और उन्हें बचाने के लिए सारी कोशिशें करना, उनके किरदार का दर्शकों से साम्य बनाने में मदद करता है। एसीपी खान बने विकास कुमार के पास हालांकि अभी शुरू के चार एपिसोड में करने को कुछ खास नहीं रहा है लेकिन सूरज बने इंद्रनील सेन गुप्ता ने इस कमी को पूरा कर दिया है। कहानी में नया तड़का लेकर आईं इला अरुण के तेवर खतरनाक हैं। सिनेमा में अब तक के उनके सफर से एकदम अलग ये किरदार दिलचस्पी जगाता है और ये उनके व सुष्मिता के किरदारों के बीच सजी चौसर ही है जो इस वेब सीरीज के तीसरे सीजन को दमदार बनाती है।
सौरमंडल का सूरज, सुष्मिता सेन
सुष्मिता सेन ने फिर एक बार सीरीज के अभिनय मंडली की अगुआई की है और चूंकि पूरी सीरीज का ताना बाना उन्हीं के किरदार के दमदार होने से सजता है लिहाजा सीरीज के तीसरे सीजन में भी अधिकतर दृश्यों में वह नजर आती हैं। ये सीरीज की मजबूती भी है और कमजोरी भी। मजबूती इस लिहाज से कि दर्शक ये सीरीज बीते दो सीजन से सिर्फ और सिर्फ सुष्मिता पर घिरती आफतों और उनसे उसके बचकर निकलने के तरीकों के लिए देख रहे हैं। वह एक दबंग डॉन की बजाय एक मजबूर मां नजर आती हैं। एक ऐसी मां जो कुछ भी करके अपने बच्चों को सुरक्षित देखना चाहती है। और, इस किरदार को निभाने की ऊर्जा सुष्मिता को अपनी निजी जिंदगी के अनुभवों से मिलती है, ये वह खुद मानती हैं। उनकी हर दृश्य में मौजूदगी इस सीरीज की कमजोर कड़ी इस लिहाज से है कि इसके चलते सीरीज के बाकी किरदार बस खानापूरी करते नजर आते हैं। विकास कुमार को सीजन तीन के पहले चार एपिसोड में एक भी सीन कायदे का नहीं मिला है। विश्वजीत प्रधान जरूर अपनी खास देह भाषा और अपने संवादों के लहजे से असर छोड़ने में कामयाब रहते हैं। इंद्रनील सेनगुप्ता को भी कहानी में नया ट्विस्ट लाने का अच्छा मौका मिला। इला अरुण ने अभी अपनी चौसर सजानी शुरू की है, उम्मीद बंधती है कि अगले चार एपिसोड में वह पैदल से राजा को मात देने का ख्वाब जरूर देखेंगी।
पार्श्व संगीत सबसे कमजोर कड़ीवेब सीरीज ‘आर्या’ के तीसरे सीजन में एक बात जो बहुत स्पष्ट रूप से निकलकर सामने आती है वह ये कि इस सीरीज का असर कम करने में इसके पार्श्वसंगीत की बहुत बड़ी भूमिका है। अनावश्यक और असंगत संस्कृत श्लोकों का उच्चारण, उनका आधा अधूरा वाचन और उनका परदे पर चल रहे दृश्य से कोई साम्य न होने के चलते इस तरह की क्राइम सीरीज में पार्श्वसंगीत का जो योगदान होना चाहिए था, वह यहां मिलता नहीं है। सिनेमैटोग्राफी जरूर प्रभावित करती है। खासतौर से सुष्मिता सेन के दृश्यों की शूटिंग करते समय जिस तरह स्टैडीकैम का संचालन किया गया है, वह प्रभावी है। सुष्मिता सेन की वेशभूषा पर भी खास काम किया गया है और इसके लिए उनकी स्टाइलिंग टीम की तारीफ बनती है। इला अरुण का गेटअप देखने लायक है। अभी सीजन तीन के चार एपिसोड बाकी हैं और उस लिहाज से पहले चार एपिसोड देखने के बाद इसे पूरा देखने की उत्सुकता बनी रहती है।