इसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ भी बल्लेबाजी में थोड़ी बहुत चुनौती मिली। वरना बाकी के मुकाबले भारत ने काफी आसानी से जीते हैं। भारत ने अपने पहले मैच में चेन्नई की स्पिन ट्रैक पर अश्विन को मौका दिया था। उसके बाद बांग्लादेश के खिलाफ हर मैच तक टीम इंडिया एक एक्स्ट्रा पेसर शार्दुल ठाकुर के साथ उतरी।
आपदा में अवसर लेकर आया हार्दिक पांड्या का चोटिल होना
हालांकि, कप्तान रोहित ने उन पर भरोसा जताते हुए कहा था कि शार्दुल बड़े मैच का प्लेयर है। हार्दिक को चोट लगने पर लगा था कि भारत को आगे मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही टीम सिलेक्शन को लेकर एक बार फिर परेशानी खड़ी हो जाएगी। इतना ही नहीं भारत के पास छठे गेंदबाज की समस्या भी खड़ी हो जाएगी। भारत को पांच ही गेंदबाजों के साथ उतरना होगा। हालांकि, हार्दिक का चोटिल होना भारत के लिए आपदा में अवसर साबित हुआ।
न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच से गेंदबाजी हुई मजबूत
रोहित का यह फैसला मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ। बड़े स्कोर की तरफ बढ़ रही न्यूजीलैंड की टीम को शमी ने पांच विकेट लेकर झकझोर कर रख दिया। इसके बाद इंग्लैंड के खिलाफ भारत की बल्लेबाजी कुछ खास नहीं रही थी और टीम सिर्फ 229 रन ही बना सकी थी। शमी ने इस मैच में बुमराह के साथ मिलकर इंग्लैंड की पारी को तहस नहस कर दिया। दोनों ने मिलकर सात शिकार किए। इसमें शमी ने चार और बुमराह ने चार विकेट लिए।
अब कम्प्लीट दिख रही है टीम इंडिया
इस तरह हार्दिक के चोटिल होने से भारतीय टीम के चयन की समस्या दूर हो गई। टीम को सही प्लेइंग कॉम्बिनेशन मिला है। हालांकि, हार्दिक पूरी तरह बाहर नहीं हुए हैं और मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक टीम मैनेजमेंट उन्हें नॉकआउट में खेलता देखना चाहता है। हालांकि, अभी जो टीम खेल रही है वह कम्प्लीट दिख रही है।
श्रेयस या सूर्या की जगह खेल सकते हैं हार्दिक
2003 में भी बनी थी ऐसी स्थिति, फाइनल में भुगतना पड़ा था
2003 विश्व कप में जब टीम इंडिया फाइनल में पहुंची थी तो उससे पहले तक तीन खिलाड़ियों को एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला था। वे खिलाड़ी थे- अजीत अगरकर, पार्थिव पटेल और संजय बांगर। वहीं, दिग्गज अनिल कुंबले को भी सिर्फ तीन मैचों में मौका मिला था। वह हॉलैंड, ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के खिलाफ लीग स्टेज का मुकाबला खेले थे। कप्तान सौरव गांगुली ने दिनेश मोंगिया को बतौर ऑलराउंडर हर मैच में मौका दिया था। फाइनल में भी मोंगिया को कुंबले पर तरजीह दी गई थी और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुकाबला खेले थे।
रिकी पोंटिंग और डेमियन मार्टिन ने मोंगिया पर खूब रन बटोरे थे। मोंगिया ने सात ओवर में 39 रन खर्च किए थे और कोई विकेट नहीं लिया था। भारत ने उस मैच में कुंबले को बहुत बुरी तरह से मिस किया था। उस मैच का हिस्सा भारत के मौजूदा कोच राहुल द्रविड़ भी थे। भारतीय टीम अब ऐसी गलती नहीं करना चाहेगी। हार्दिक अगर वापस आते हैं तो शार्दुल को लाने की बजाय रोहित और द्रविड़ शमी को ही मौका देने पर विचार कर सकते हैं।