एसएसडीएमए ने कहा कि 105 लोग अभी भी लापता हैं। इनकी तलाश की जा रही है। पाक्योंग जिले में 78 लोग, गंगटोक जिले में 23, मंगन में 15 और नामची में छह लोग लापता हैं। अधिकारियों ने बताया कि तलाशी अभियान के लिए विशेष रडार, ड्रोन और सेना के डॉग तैनात हैं।
ओडिशा के बालासोर जिले में रेल हादसे के चार महीने बाद, भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) के अधिकारियों ने रविवार को 28 लावारिस शवों के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस दुर्घटना में 297 लोगों की जान चली गई थीएक आधिकारिक सूचना के अनुसार, नगर निकाय ने उन 28 लोगों के अवशेषों के वैज्ञानिक तरीके से निपटान के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया जारी की, जिनके सही दावेदार नहीं मिले हैं।
दाह संस्कार के लिए एसओपी जारी
बीएमसी मेयर सुलोचना दास ने बताया कि हमने ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना में मारे गए लोगों के लावारिस शवों के वैज्ञानिक निस्तारण के लिए एक एसओपी जारी की है। शवों को सीबीआई अधिकारियों की उपस्थिति में निगम को सौंप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मंगलवार को दाह संस्कार की एक योजना भी बना रहे हैं।सूत्रों के मुताबिक ट्रेन दुर्घटना की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा खुर्दा जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर शवों को वैज्ञानिक तरीके से निपटाने का अनुरोध करने के बाद बीएमसी ने प्रक्रिया शुरू की। जून में हुई दुर्घटना के बाद से शव एम्स भुवनेश्वर में रखे गए थे। एक अधिकारी ने कहा कि बीएमसी ने एम्स से शहर के सत्यनगर और भरतपुर स्थित श्मशान घाट तक शवों के सुचारू परिवहन की व्यवस्था करने का भी फैसला किया है।
पूरी प्रक्रिया की होगी वीडियोग्राफी
इसके अलावा एम्स भुवनेश्वर के निदेशक शवों के दाह संस्कार के लिए राज्य, केंद्र और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के मौजूदा नियमों और दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए शवों को आधिकारिक तौर पर बीएमसी स्वास्थ्य अधिकारी को सौंप देंगे। बीएमसी द्वारा जारी एसओपी के मुताबिक, पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाएगी।
बता दें कि एम्स भुवनेश्वर को 162 शव मिले थे और उनमें से 81 को पहले चरण में मृतकों के परिवार के सदस्यों को सौंप दिया गया था। बाद में, डीएनए परीक्षण के बाद अन्य 53 शव परिवार के सदस्यों को दे दिए गए, लेकिन 28 अन्य के अवशेष लावारिस हैं। शवों को पारादीप पोर्ट ट्रस्ट से खरीदे गए कम से कम पांच डीप फ्रीजर कंटेनरों में रखा गया था।