सभी विश्वविद्यालयों को नई शिक्षा नीति के तहत कौशल विकास के लिए नए वोकेशनल पाठ्यक्रम शुरू करने हैं। इसी दिशा में राज्य विश्वविद्यालय ने भी काम शुरू कर दिया है और कॉलेजों की जिम्मेदारियां भी बढ़ा दी गईं हैं। प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़ और कौशाम्बी में राज्य विवि के 653 संघटक महाविद्यालय हैं और इन कॉलेजों में तकरीबन चार लाख विद्यार्थी पढ़ते हैं। नए वोकेशनल कोर्स शुरू होने से इन लाखों अभ्यर्थियों को फायदा मिलेगा।
राज्य विवि के कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि नए वोकेशनल कोर्स शुरू करने के लिए कॉलेज को अपने स्तर से एमओयू की प्रक्रिया पूरी करनी होगी। विशेषज्ञ बुलाने की जिम्मेदारी भी उन्हीं पर होगी और कोर्स का सफलता के साथ संचालन करना होगा।
कॉलेजों को ही तय करना होगा कि उन्हें कौन से नए कोर्स शुरू करने हैं। कुलपति ने बताया कि इस बाबत सभी कॉलेजों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं। वोकेशनल पाठ्यक्रमों की परीक्षा कौन कराएगा, इस पर अभी निर्णय नहीं हुआ है। जल्द ही यह तय कर लिया जाएगा।
132 कॉलेजों ने नहीं कराया निरीक्षण, संकट में संबद्धता
प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) राज्य विश्वविद्यालय के तकरीबन 132 संघटक कॉलेजों को संबद्धता के नवीनीकरण के लिए निर्धारित प्रक्रिया पूरी नहीं की है। ऐसे में कॉलेजों की संबद्धता अब संकट में है। अब तक 180 कॉलेज अपने यहां निरीक्षण कराके संबद्धता के नवीनीकरण के लिए ऑनलाइन माध्यम से राज्य विवि को अपनी रिपोर्ट भेज चुके हैं।
वहीं, 362 में 230 कॉलेजों ने निरीक्षण तो करा लिया है लेकिन राज्य विवि को रिपोर्ट नहीं भेजी है। राज्य विवि ने निरीक्षण करा चुके कॉलेजों को तत्काल रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं। राज्य विवि के रजिस्ट्रार शैलेश शुक्ला का कहना है कि जो भी कॉलेज संबद्धता के नवीनीकरण की प्रक्रिया समय से पूरी नहीं करेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।