अमेरिकी विशेष दूत ने कहा कि सिर्फ इतना कहना चाहते हैं कि हम कनाडा की जांच का समर्थन करते हैं। हम चाहते हैं कि भारत सरकार समेत हर कोई इस हत्या की सच्चाई सामने लाने में मदद करे।
कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के भारत पर आरोप लगाए जाने के बाद से ही दोनों देशों के बीच के रिश्ते में तनाव बढ़ता जा रहा है। कूटनीतिक गतिरोधों पर ग्लोबल एंगेजमेंट सेंटर के विशेष दूत और समन्वयक जेम्स रुबिन ने कहा कि यह एक संवेदनशील विषय है क्योंकि जहां तक जांच की बात है उसमें सहयोग मांगा है।
हम कनाडा की जांच का…
अमेरिकी विशेष दूत ने एक वर्चुअल प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा, ‘यह एक मुश्किल विषय है। मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि हम कनाडा की जांच का समर्थन करते हैं। हम चाहते हैं कि भारत सरकार समेत हर कोई इस हत्या की सच्चाई सामने लाने में मदद करे। इसके साथ ही हम सभी से सहयोग करने का आग्रह करेंगे।’यह पूछे जाने पर कि क्या नई दिल्ली और ओटावा के बीच इस तरह के तनाव से दुष्प्रचार अभियानों को बढ़ावा मिल सकता है। इस पर रुबिन ने कहा कि यह एक ऐसा मामला है, जो सूचना को गलत तरीके से प्रसारित करने के लिए काफी है
बदनाम करने की कोशिश की
उन्होंने कहा, ‘मैं अपनी रिपोर्ट में सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि अगर आप इस पर एक नजर डालें तो कनाडा की घरेलू राजनीति और उनके विश्वविद्यालयों में विशेष रूप से चीनी हस्तक्षेप के बारे में कुछ उदाहरण दिए गए हैं और जिन तरीकों से उन्होंने अपने व्यक्तियों को हेरफेर करने, उन्हें मजबूर करने और उन्हें बदनाम करने की कोशिश की है। यह सब रिपोर्ट में है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘मैं आपसे उस पर एक नजर डालने का आग्रह करता हूं। यह स्पष्ट रूप से एक ऐसा क्षेत्र है, जो सूचना को गलत पेश करने के लिए काफी है।’
जेम्स रुबिन ने चीन पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने कनाडाई-भारतीय मुद्दे का कोई विशेष सबूत नहीं देखा है, लेकिन पता है कि चीन ने उनके द्वारा बताए गए तरीकों के माध्यम से कनाडा के घरेलू मामलों में हस्तक्षेप करने का एक बड़ा प्रयास किया है।
घरेलू मामलों में हस्तक्षेप न करे
उन्होंने कहा, ‘यह विशेष रूप से विडंबनापूर्ण है। आपको याद होगा कि दशकों से चीन सबसे ज्यादा मांग कर रहा था कि कोई भी उनके घरेलू मामलों में हस्तक्षेप न करे और फिर जब कनाडा में राजनीति में हस्तक्षेप की बात आती है, जब दक्षिण चीन सागर की बात आती है तो वे हस्तक्षेप करने से पीछे नहीं हठ रहे हैं।’
विदेश विभाग के प्रवक्ता एक रिपोर्ट पेश कर रहे थे, जिसमें दिखाया गया था कि चीन कैसे वैश्विक सूचनाओं को तोड़ मरोड़कर पेश करने की कोशिश कर रहा है।