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असली NCP किसकी? आज पार्टी के दोनों गुटों का पक्ष सुनेगा निर्वाचन आयोग; शरद पवार ने कही यह बात

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इसी साल जुलाई की शुरुआत में महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने के लिए चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत करने से दो दिन पहले अजित पवार ने 30 जून को निर्वाचन आयोग से संपर्क किया था। उन्होंने पार्टी के नाम के साथ-साथ चुनाव चिह्न पर भी दावा किया था।

निर्वाचन आयोग शुक्रवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के दोनों गुटों का पक्ष सुनेगा। पार्टी में टूट की बात स्वीकार करते हुए चुनाव आयोग आज दोनों पक्षों की बात सुनेगा। इसके लिए दोनों प्रतिद्वंद्वी गुटों को बुलाया गया है। दरअसल, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट ने राकांपा नेता शरद पवार के खिलाफ विद्रोह कर दिया था।

इसी साल जुलाई की शुरुआत में महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने के लिए चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत करने से दो दिन पहले अजित पवार ने 30 जून को निर्वाचन आयोग से संपर्क किया था। उन्होंने पार्टी के नाम के साथ-साथ चुनाव चिह्न पर भी दावा किया था। उन्होंने 40 विधायकों के समर्थन के साथ खुद को पार्टी अध्यक्ष भी घोषित कर दिया था। हालांकि, हाल ही में शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट ने निर्वाचन आयोग को बताया था कि पार्टी में कोई विवाद नहीं है, लेकिन कुछ लोग व्यक्तिगत लाभ और  महत्वाकांक्षाओं के लिए संगठन से अलग हो गए हैं।

मतदाता होशियार, चुनाव चिह्न पर फैसला न करें: शरद पवार
चुनाव आयोग की सुनवाई से पहले शरद पवार के नेतृत्व वाले समूह ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी में शक्ति प्रदर्शन किया। इस दौरान शरद पवार ने अपनी जीत का भरोसा जताया। 82 वर्षीय शरद पवार ने राकांपा की विस्तारित कार्य समिति की बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में अपनाए गए प्रस्ताव में कहा गया कि पूरी पार्टी शरद पवार के साथ है। पार्टी उनके मार्गदर्शन और दृष्टिकोण के तहत देश में भविष्य के चुनावों की तैयारी कर रही है।

कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए शरद पवार ने कहा कि मैंने अलग-अलग पार्टी के प्रतीकों पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। देश का मूड बदल रहा है। आम आदमी होशियार है। भले ही चुनाव चिह्न बदल जाए, लोग अपना मन आसानी से नहीं बदलते। उन्होंने कहा कि मैंने अपना पहला चुनाव 1967 में ‘बैल की जोड़ी’ चिह्न पर लड़ा था। तीन साल बाद ‘चरखा’ चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। मैंने ‘गाय और बछड़ा’, ‘हाथ’ और ‘घड़ी’ चुनाव चिन्हों के साथ भी चुनाव लड़ा। हमारा संकल्प उन लोगों के लिए करारा जवाब है, जो असली एनसीपी होने का दावा कर रहे हैं।

अजित गुट के मंत्री ने कहा- हमने पुल जला दिए
महाराष्ट्र के मंत्री और बागी राकांपा नेता हसन मुश्रीफ ने शरद पवार के नेतृत्व वाले पार्टी गुट में लौटने की संभावना से इनकार कर दिया। मुश्रीफ वर्तमान में चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान मंत्री हैं। मुशरिफ ने एक मराठी वाक्यांश का इस्तेमाल किया। इसका अर्थ है- अपने पुलों को जलाना। उन्होंने कहा कि निर्णय ले लिया गया है। पीछे हटने की रस्सियां काट दी गई हैं।

एमवीए ने सीट बंटवारे पर चर्चा के लिए समन्वय पैनल बनाया
इस बीच महा विकास अघाड़ी (एमवीए) में सहयोगी दलों ने 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए महाराष्ट्र में सीट बंटवारे पर चर्चा के लिए नौ सदस्यीय समन्वय समिति का गठन किया। इसमें प्रत्येक घटक के तीन नेता शामिल हैं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने गुरुवार को पैनल के गठन की पुष्टि की।

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