वीडियो में एस जयशंकर ने विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन, वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो और व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन ताई सहित अन्य अधिकारियों के साथ की गई चर्चा की झलकियां दिखाई।
विदेश मंत्री एस जयशंकर की नौ दिनी अमेरिका यात्रा रविवार को खत्म हो गई। यात्रा के अंतिम दिन जयशंकर ने एक्स पर एक वीडियो पोस्ट किया। वीडियो में जयशंकर ने अपनी विदेश यात्रा के मुख्य अंश साझा किए। एक्स पर वीडियो साझा करते हुए जयशंकर ने एक कैप्शन भी लिखा- भारत और अमेरिका: क्षितिज का विस्तार।
विभिन्न अमेरिकी अधिकारियों से की मुलाकात
वीडियो में एस जयशंकर ने विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन, वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो और व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन ताई सहित अन्य अधिकारियों के साथ की गई चर्चा की झलकियां दिखाई। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ऑस्टिन के साथ भारत-अमेरिका द्विपक्षीय रक्षा सहयोग और वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा की। जयशंकर के वाशिंगटन प्रवास के दौरान अमेरिका में भारत के दूत तरनजीत सिंह संधू भी मौजूद थे। वाशिंगटन के इंडिया हाउस में उन्होंने कांग्रेस के सदस्यों, प्रशासन, व्यापार और थिंक टैंक प्रमुखों से भी मुलाकात की।
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन के साथ विदेश मंत्री जयशंकर ने गुरुवार को बैठक की। दोनों पक्षों ने इस दौरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की। शनिवार को उन्होंने वाशिंगटन डीसी में इंडिया हाउस में ‘कलर्स ऑफ फ्रेंडशिप’ कार्यक्रम में भारतीय प्रवासियों को संबोधित किया।
चंद्रयान-3 की सफलता पर की बात
विदेश मंत्री जयशंकर रविवार को वाशिंगटन पहुंचे। यहां उन्होंने इंडिया हाउस में भारतीय अमेरिकियों की सभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि 23 अगस्त को भारत में क्या हो रहा था, जब चंद्रयान-3 चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लैंडिंग के दौरान ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर थे। बावजूद इसके पीएम मोदी ने चंद्रया-3 के लिए समय निकाला। पीएम मोदी लगातार इसरो के संपर्क में थे। यह पल भारत के लिए काफी तनावपूर्ण था। लेकिन पीएम मोदी आश्वस्त थे। वे लगातार इसरो प्रमुख को आश्वसन दे रहे थे। फिर जैसे ही चांद मिशन ने सफलतापूर्वक लैंडिंग की वैसे ही पीएम ने इसरो टीम से बात की और उन्हें बधाई दी।
कनाडा विवाद पर की खुलकर बात
अमेरिका यात्रा के दौरान, विदेश मंत्री जयशंकर ने कनाडा के साथ विवाद और राजनयिक संबंधों पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से कनाडा के साथ खटास जारी है। इसकी वजह कनाडा में फल-फूल रहे आतंकवाद, उग्रवाद और हिंसा को लेकर कनाडाई सरकार की सहनशीलता है। उन्होंने यह भी कहा कि कनाडा के साथ जारी वर्तमान तनाव को गतिरोध नहीं कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत असल में कनाडा के लिए वीजा निलंबित करना पंसद नहीं करता है लेकिन कनाडाई पक्ष के कारण हमें ऐसा करना पड़ा। कनाडाई पक्ष ने हमारे लिए चीजें काफी मुश्किल बना दी थीं। कनाडा में हमारे राजनयिकों को धमकाया जा रहा है। उन्होंने हमारे राजनयिकों को इस हद तक परेशान कर दिया है कि वह अपना काम तक नहीं कर पा रहे हैं।