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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री बोले- कैंसर की 90 में से 42 दवाएं सबसे सस्ती दरों पर देता है भारत

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया ने कहा कि समय के साथ बीमारियों का पैटर्न बदल जाता है। इस क्षेत्र के प्रति समग्र दृष्टिकोण रखना महत्वपूर्ण है। स्वास्थ्य कभी भी राजनीतिक विषय नहीं हो सकता।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बुधवार को कहा कि भारत सबसे सस्ती दरों पर कैंसर की 90 दवाओं में से  42 दवाएं देता है। वह नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के उद्घाटन के मौके पर संबोधित कर रहे थे।

‘भारत जेनेरिक दवाओं में दुनिया की फार्मेसी’
इस दौरान उन्होंने कहा,  ‘हम कैंसर अस्पतालों और तृतीयक देखभाल सुविधाओं की संख्या बढ़ा रहे हैं। स्वास्थ्य क्षेत्र के प्रति हमारा समग्र दृष्टिकोण है। हमने एमबीबीएस और स्नातकोत्तर मेडिकल सीटों और कॉलेजों की संख्या बढ़ाई है और चिकित्सा शिक्षा संसाधन तैयार किए हैं। आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन इस दिशा में काम कर रहा है। हमने मंगलवार को फार्मा पॉलिसी लॉन्च की। हम जेनेरिक दवाओं में दुनिया की फार्मेसी हैं।’
‘स्वास्थ्य राजनीति का विषय नहीं हो सकता’
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य न ही कभी भी राजनीतिक विषय हो सकता है और न ही व्यावसायिक। उन्होंने कहा कि यह भारत के लिए सेवा है। मंडाविया ने कहा, समय के साथ बीमारियों का पैटर्न बदल जाता है। इस क्षेत्र के प्रति समग्र दृष्टिकोण रखना महत्वपूर्ण है। स्वास्थ्य कभी भी राजनीतिक विषय नहीं हो सकता। हमने 2014 से स्वास्थ्य को विकास के साथ मिला दिया।
‘सभी के लिए स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ’
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, हमने सिर्फ डिस्पेंसरी खोलने के बजाय स्वास्थ्य सेवाओं को सभी के लिए सुलभ बनाने पर फोकस किया है। उन्होंने कहा कि देश अपने सभी नागरिकों का है और इसकी भलाई की जिम्मेदारी प्रत्येक व्यक्ति की है। यह साझा जिम्मेदारी और सामूहिक प्रयास ही था जिसने कोविड-19 से पैदा हुई चुनौतियों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने में राष्ट्र को सक्षम बनाया।
‘सार्वजनिक भागीदारी स्वास्थ्य मॉडल का अभिन्न अंग’
उन्होंने कहा कि ‘संजीवनी’ पहल का प्राथमिक लक्ष्य जागरूकता को बढ़ावा देना, मूक कैंसर महामारी के बारे में चर्चा को बढ़ावा देना और बीमारी से जुड़े आम भय को दूर करना है। संजीवनी पहल, चर्चा और विचार-विमर्श का नेतृत्व करेगी। हमें इस पर एक नोट भेजें, ताकि हम लोगों से आने वाले सुझावों को ट्रैक कर सकें। (नरेंद्र) मोदी सरकार हितधारकों के परामर्श में भरोसा करती है। सार्वजनिक भागीदारी भारत के स्वास्थ्य मॉडल का अभिन्न अंग है। अपने विचारों को हमारे साथ साझा करें, ताकि हम बीमारियों से लड़ सकें।
डेंगू की रोकथाम के लिए नियमों का सख्ती से पालन हो : मांडविया
देश में डेंगू के बढ़ते मामलों को लेकर केंद्र ने राज्यों को दिशा निर्देशों का सही तरह से पालन करने की सलाह दी है। बुधवार को उच्च स्तरीय बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया ने कहा कि डेंगू की रोकथाम, नियंत्रण के लिए केंद्र की ओर से दिशा निर्देशों को जारी किया गया। कुछ राज्यों से डेंगू के मामले बढ़ने की सूचना मिली है। हालांकि राज्यों को इसके नियंत्रण के लिए दिशा निर्देशों का पालन करना चाहिए।

बैठक में अधिकारियों ने मंडाविया को देश भर में डेंगू की स्थिति के बारे में जानकारी दी। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को डेंगू के लिए पूरी तरह से तैयार रहने और रोकथाम उपायों को मजबूत करने का निर्देश दिया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि केंद्र ने स्क्रीनिंग किट के लिए राज्यों की सहायता की है। फॉगिंग और आईईसी गतिविधियों के लिए वित्तीय सहायता भी की गई है।

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