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जस्टिस हिमा कोहली ने कानूनी पेशे में महिलाओं की भागीदारिता को सराहा, कहा- समावेशी समाज की ओर कदम

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जस्टिस हिमा कोहली शनिवार को फोर्ब्स इंडिया-लीगल पावर लिस्ट 2022 के समापन समारोह में पहुंची थी। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारतीय कानूनी पेशा अब अलग-अलग दायरे में नहीं चलता।

आज भारत में महिलाएं हर क्षेत्र में काम कर रही हैं। फिर चाहे वह नौकरशाही हो या वकालत। महिलाएं हर क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस हिमा कोहली ने शनिवार को कहा कि कानूनी पेशे में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ रहा है, जो समावेशी समाज की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

देश में बदल गई स्थिति
जस्टिस हिमा कोहली शनिवार को फोर्ब्स इंडिया-लीगल पावर लिस्ट 2022 के समापन समारोह में पहुंची थी। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारतीय कानूनी पेशा अब अलग-अलग दायरे में नहीं चलता। यह एक जीवंत और निरंतर विकसित होने वाला क्षेत्र है। यह इसमें शामिल होने वाली हर नई आवाज के साथ प्रबल होता रहता है। कानूनी पेशे में अलग-अलग पृष्ठभूमि से पहली पीढ़ी के वकीलों का प्रवेश और महिलाओं का प्रतिनिधित्व समावाशी समाज की दिशा में कदम है, जो काफी महत्वपूर्ण है। यह देश में एक संदेश देता है कि अब स्थिति असल में बदल गई है।

नैतिक प्रवचन को प्रोत्साहित करने के लिए आवश्यक
जस्टिस कोहली ने कानूनी विरासत वाले परिवारों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब नए पेड़ों की हवाएं चलती हैं तो वह ज्यादा नई और ताजी लगती है। अलग-अलग समाज से आने वाले पहली पीढ़ी के वकीलों के साथ एक नया दृष्टिकोण भी आता है। कानूनी समुदाय के भीतर एक नैतिक प्रवचन को प्रोत्साहित करने के लिए यह आवश्यक है।

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