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सीतारमण ने पूर्व पीएम नरसिम्हा राव के नेतृत्व वाली सरकार को क्यों दिया श्रेय? जानें पूरा मामला

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महिला आरक्षण के लिए भाजपा के सदैव प्रतिबद्ध होने का दावा करते हुए वित्त मंत्री ने गुरुवार को कहा कि उनकी पार्टी महिलाओं के मामले में कोई राजनीति नहीं करती। उन्होंने कहा कि महिलाओं की पूजा करने की आवश्यकता नहीं है, बस उनके साथ बराबरी का व्यवहार कीजिए।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के नेतृत्व वाली सरकार की उस समय पंचायत राज में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण लाने के लिए प्रशंसा की। उन्होंने राज्यसभा में बोलते हुए कहा कि मैं पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव की सरकार को श्रेय देना चाहती हूं, क्योंकि इसके बाद ही हमने पंचायत स्तर पर एक जमीनी सुधार देखा, जहां आज 33 प्रतिशत आरक्षण है। कई राज्यों में इसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया। यह पंचायत स्तर पर महिलाओं के योगदान को दर्शाता है।

पीवी नरसिम्हा राव जून 1991 से मई 1996 तक भारत के प्रधानमंत्री थे। पंचायतों और नगर पालिकाओं में एक तिहाई आरक्षण के लिए संविधान संशोधन विधेयक मई 1989 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने पेश किया था। बिल लोकसभा से तो पास हो गए, लेकिन सितंबर 1989 में राज्यसभा में कामयाब नहीं हो सके। इसके बाद नरसिम्हा राव ने अप्रैल 1993 में इन संविधान संशोधन विधेयकों को फिर से पेश किया। दोनों बिल विधायी प्रक्रिया में सफलतापूर्वक आगे बढ़े और कानून बन गए।

इससे पहले महिला आरक्षण के लिए भाजपा के सदैव प्रतिबद्ध होने का दावा करते हुए वित्त मंत्री ने गुरुवार को कहा कि उनकी पार्टी महिलाओं के मामले में कोई राजनीति नहीं करती। ‘संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023’ पर चर्चा में उन्होंने कहा कि इस विधेयक का मसौदा बहुत सोच-समझकर बनाया गया है। यह विधेयक काफी समय से प्रतीक्षित था। उन्होंने विधेयक को लाने में वर्तमान नरेंद्र मोदी सरकार के शासन में नौ वर्ष लग जाने के विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि इसको लेकर आम सहमति बनाए जाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि जनगणना के बाद परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने के पश्चात ही महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित हो पाएंगी। उन्होंने कहा कि यह विधेयक कानून बनने के बाद 15 वर्ष तक प्रभावी रहेगा। उन्होंने 1996 में पहली बार महिला आरक्षण के लिए लाए गए विधेयक सहित इस बारे में संसद में लाए गए विभिन्न विधेयकों का भी हवाला दिया। वित्त मंत्री ने कहा कि महिलाओं की पूजा करने की आवश्यकता नहीं है, बस उनके साथ बराबरी का व्यवहार कीजिए।

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