रे डेलियो ने लॉस एंजल्स में यूसीएलए परिसर में ऑल-इन समिट, 2023 में एक पॉडकास्ट में कहा कि हमारे पास दुनिया की शीर्ष 22 अर्थव्यवस्थाओं की विकास दर का अनुमान है, जिनमें भारत शीर्ष पर है। भारत अब उस स्थान पर है, जहां एक समय चीन था।
मशहूर अमेरिकी निवेशक व लेखक रे डेलियो का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत को ठीक उसी तरह आर्थिक महाशक्ति बनाने की राह पर लेकर जा रहे हैं, जिस तरह से 1978 से से 1989 के दौरान चीन में आर्थिक क्रांति पैदा कर चीन को औद्योगिक अर्थव्यवस्था बनाया था। इसके साथ ही डेलियो का दावा है कि आने वाले दशक में पूरी दुनिया में भारत की विकास दर सबसे ज्यादा रहेगी। असल में चीनी अर्थव्यवस्था को विदेशी निवेशकों के लिए खोलने और तमाम व्यापक सुधारों का श्रेय देंग को ही दिया गया है, क्योंकि उन्होंने देश में बाजार अर्थव्यवस्था और पूंजीवादी जैसे उद्यमों के निर्माण को प्रोत्साहित किया था।
रे डेलियो ने लॉस एंजल्स में यूसीएलए परिसर में ऑल-इन समिट, 2023 में एक पॉडकास्ट में कहा कि हमारे पास दुनिया की शीर्ष 22 अर्थव्यवस्थाओं की विकास दर का अनुमान है, जिनमें भारत शीर्ष पर है। भारत अब उस स्थान पर है, जहां एक समय चीन था। डेलियो ने कहा, पीएम मोदी भारत के लिए देंग की तरह हैं, जिनके पास बड़े पैमाने पर सुधार, विकास, रचनात्मकता जैसे सभी तत्व हैं, हालांकि, निश्चित रूप से कई जोखिम भरे मुद्दे हैं, जिनसे भारत को निपटना होगा। शिखर सम्मेलन की मेजबानी ऑल-इन पॉडकास्ट की तरफ से की गई, जिसमें चमथ पालीहापिटिया, जेसन कैलाकानिस, डेविड सैक्स और डेविड फ्रीडबर्ग शामिल थे।
तटस्थ देश करते हैं अच्छा प्रदर्शन
डेलियो ने पॉडकास्ट शिखर सम्मेलन के दौरान कहा, अब निश्चित रूप से 24 करोड़ मुसलमानों की आबादी से संबंधित एक धार्मिक आंतरिक मुद्दा है। हालांकि, इसके सहित कोई भी मुद्दा भारत के उभार को नहीं रोक पाएगा, क्योंकि इतिहास बातात है कि, जो देश तटस्थ रहते हैं, वे अच्छा प्रदर्शन करते हैं और दुनिया में जारी संघर्ष के लिहाज से भारत तटस्थता का आदर्श उदाहरण है।
फिच रेटिंग्स ने लगाया 6.3% वृद्धि का अनुमान
इससे पहले 14 सितंबर को फिच रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के विकास अनुमान को 6.3%पर बरकरार रखते हुए कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार लचीलापन दिखा रही है। जून में, फिच रेटिंग्स ने 2023-24 के लिए भारत की वृद्धि का अनुमान मार्च के अपने पहले अनुमान 6.0 से बढ़ाकर 6.3 फीसदी कर दिया था, जिससे भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गया।