औद्योगिकी साझेदारी के तहत 40 सी-295 विमान भारत में टाटा एडवांस्ड सिस्टम लिमिटेड (टीएएसएल) तैयार करेगी। मेक इन इंडिया पहल के तहत इन विमानों का उत्पादन वडोदरा में किया जाएगा। टीएएसएल सितंबर 2026 में पहले सी-295 विमान का निर्माण कर लेगी।
स्पेन में भारत के राजदूत दिनेश पटनायक ने कहा कि देश में 40 सी-295 विमानों का उत्पादन गेम चेंजर साबित होगा। इससे भारत में विश्वस्तरीय एयरोस्पेस पारिस्थितिकी तंत्र तैयार होगा, जो भविष्य में देश में अन्य विमानों के निर्माण के लिए बेहद अहम साबित होगा। भारतीय वायुसेना को बुधवार को पहला सी-295 एयरबस विमान मिल गया है।पटनायक ने कहा कि फिलहाल भारत में निजी एयरोस्पेस पारिस्थितिकी तंत्र नहीं है, जबकि सभी बड़े देशों में यह पहले से उपलब्ध है। सी-295 परियोजना भारत में एयरोस्पेस पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करेगी और यह एक नई व्यवस्था की शुरुआत होगी। परियोजना के समय पर क्रियान्वयन के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ समन्वय कर रहे पटनायक ने कहा, समृद्ध एयरोस्पेस उद्योग के विकास से भारत को भविष्य में विभिन्न प्रकार के विमानों के निर्माण व खरीद में मदद मिलेगी। उल्लेखनीय है कि भारत ने दो साल पहले एयरबस डिफेंस एंड स्पेस कंपनी के साथ 21,935 करोड़ रुपये में विमान खरीद का समझौता किया था। इसके तहत कंपनी 2025 तक 16 विमान तैयार करके भारतीय वायुसेना को सौंपेगी। ये विमान स्पेन के सेविले में स्थित कंपनी की फाइनल असेंबली लाइन में तैयार होंगे।
2026 में भारत में बनेगा पहला सी-295 विमान
औद्योगिकी साझेदारी के तहत 40 सी-295 विमान भारत में टाटा एडवांस्ड सिस्टम लिमिटेड (टीएएसएल) तैयार करेगी। मेक इन इंडिया पहल के तहत इन विमानों का उत्पादन वडोदरा में किया जाएगा। टीएएसएल सितंबर 2026 में पहले सी-295 विमान का निर्माण कर लेगी। भारतीय वायुसेना को इस श्रेणी का आखिरी विमान अगस्त 2031 तक प्राप्त होगा। यह पहला सैन्य विमान होगा, जिसका उत्पादन निर्माण भारत में किसी निजी कंपनी की तरफ से किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल अक्टूबर में वडोदरा में सी-295 विमान निर्माण सुविधा की आधारशीला रखी थी।
एवरो-748 की जगह लेंगे सी-295 विमान
भारतीय वायुसेना के परिवहन बेड़े में फिलहाल एवरो-748 विमान हैं, जिन्हें छह दशक पहले शामिल किया गया था। सी295 विमान इन्हीं की जगह लेंगे। दुनिया के 39 देशों की तरफ से सी-295 विमानों के 280 ऑर्डर दिए जा चुके हैं। टैक्टिकल ट्रांसपोर्ट के लिहाज से यह बेहतरीन विमान है, जिसमें 71 सैनिकों और 50 पैराट्रूपर को ले जाया जा सकता है।
सी-295 की दुनिया की सबसे बड़ी ऑपरेटर बन जाएगी वायुसेना
भारत में सी-295 परिवहन विमानों के निर्माण की तैयारियां शुरू हो गई हैं। हैदराबाद स्थित मेन कंस्टीचुएंट एसेंबली (एमसीए) फैसिलिटी में विमान के घटकों (पुर्जा) का निर्माण शुरू हो गया है। उन्हें हैदराबाद से वडोदरा स्थित फाइनल एसेंबली लाइन (एफएएल) लाया जाएगा, जहां विमान को अंतिम रूप दिया जाएगा। संभावना है कि भारत में विमानों के उत्पादन से पहले उसके पुर्जों का निर्माण करने वाली कंपनियां अपनी सुविधाएं स्थापित करेंगी। अधिकारियों ने बताया कि सभी विमानों की आमद के बाद भारतीय वायुसेना सी-295 की दुनिया की सबसे बड़ी ऑपरेटर बन जाएगी।