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चलता-फिरता किला है उ. कोरिया के तानाशाह की खुफिया ट्रेन, जानें खासियतें

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उत्तर कोरियाई तानाशाह ने अपनी सजी हुई, भारी बख्तरबंद और धीमी गति से चलने वाली निजी ट्रेन से रूस की यात्रा की। तानाशाह उन जैसे ही रूस के लिए रवाना हुए तो उनकी बख्तरबंद ट्रेन की फोटो चर्चा में आ गई। आइए जानते हैं इस ट्रेन की खासियत के बारे में।

उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन अपनी बख्तरबंद ट्रेन से रूस पहुंच चुके हैं। कोरोना के बाद किम जोंग की यह पहली विदेश यात्रा है। इस बीच, अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि जोंग उन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से यूक्रेन जंग में हथियारों की सप्लाई और सैन्य सहयोग पर बात करेंगे।

तानाशाह उन जैसे ही रूस के लिए रवाना हुए तो उनकी बख्तरबंद ट्रेन की फोटो चर्चा में आ गई। दरअसल, उत्तर कोरियाई तानाशाह ने अपनी सजी हुई, भारी बख्तरबंद और धीमी गति से चलने वाली निजी ट्रेन में यात्रा की। इस दौरान उनके साथ अन्य राजनयिकों और सैन्य कमांडरों के अलावा अन्य शीर्ष अधिकारी भी मौजूद थे।

ट्रेन में क्या है खास

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, किम के साथ ही अन्य उत्तर कोरियाई नेताओं ने धीमी गति से चलने वाली हरी और पीली ट्रेन पर 1,180 किमी (733 मील) की यात्रा में 20 घंटे बिताए। किम जोंग उन की यह खास ट्रेन इतनी भारी है कि यह 59 किमी/घंटा से अधिक नहीं चल सकती है। इसकी तुलना लंदन की हाई-स्पीड रेल और जापान की शिंकानसेन बुलेट ट्रेन से की जाती है, जो क्रमशः लगभग 200 किमी/घंटा और 320 किमी/घंटा की रफ्तार से चलती है।

दरअसल, बताया जाता है कि किम जोंग उन के पिता किम जोंग इल और उनके दादा किम इल सुंग दोनों हवाई यात्रा से डरते थे। उनका यह डर उस समय बढ़ा था, जब उन्होंने एक हवाई यात्रा के दौरान अपने जेट में विस्फोट देखा था। इस घटना के बाद किम इल सुंग सन् 1986 में सोवियत संघ चले गए। यह आखिरी बार था जब उत्तर कोरियाई नेता ने तीन दशकों से अधिक समय तक सार्वजनिक रूप से हवाई मार्ग से विदेश यात्रा की।

माना जाता है कि किम हवाई यात्रा से डरते हैं ऐसे में वे ज्यादातर यात्राएं ट्रेन से ही करते हैं। इस ट्रेन को 1949 में किम के दादा किम इल संग को स्टालिन ने गिफ्ट किया था। ये कई डिब्बों वाली इंटर-कनेक्टेड ट्रेन है। जब भी किम उत्तर कोरिया या चीन की यात्रा करते हैं तो उनका सारा लाव-लश्कर इसी ट्रेन में उनके साथ होता है।

रिपोर्ट के अनुसार, किम जोंग उन स्विट्जरलैंड में जब स्कूल में पढ़ रहे थे, तब वह हवाई यात्रा करते थे। हालांकि, साल 2011 में पदभार संभालने के बाद से उन्होंने कभी-कभार हवाई यात्रा करने का विकल्प रखा। उन्होंने साल 2018 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से सिंगापुर में मुलाकात करने के लिए हवाई यात्रा की थी। कई लोगों का मानना है कि उन ट्रेन से यात्रा इसलिए करते हैं क्योंकि वह अपने परिवार की परंपरा बरकरार रखना चाहते हैं।

ट्रेन में इतने हैं डिब्बे
इस ट्रेन में 90 डिब्बे हैं। वहीं, इसमें सवार लोगों की पहचान न हो सके इसके लिए काली खिड़कियां लगाई गई हैं। ट्रेन के सभी डिब्बे बुलेटप्रूफ हैं, जिसकी वजह से यह ट्रेन बहुत भारी हो जाती है। इसमें एक रेस्तरां भी है, जिसमें महंगी फ्रांस की वाइन मिलती है। इतना ही नहीं यात्री लाइव लॉबस्टर और पोर्क बारबेक्यू का आनंद ले सकते हैं।

एक नहीं तीन ट्रेनें चलती हैं साथ
सरकारी मीडिया द्वारा जारी की गई तस्वीरों में देखा जा सकता है कि जब वह गहरे हरे रंग की ट्रेन में चढ़े, तो सैन्य सम्मान गार्ड और गहरे रंग के सूट में लोगों की भीड़ फूल और झंडे लहरा रही थी। यह ट्रेन बख्तरबंद है। ऐसा माना जाता है कि किम की ट्रेन गहरे रंग की लकड़ी से बने प्रेस कॉन्फ्रेंस हॉल के साथ-साथ कई शयनकक्षों, सैटेलाइट फोन, फ्लैट स्क्रीन टीवी से सजी हुई है। जोंग उन की ट्रेन में आलीशान चमड़े के सोफे और कॉन्फ्रेंस रूम के साथ 21 बुलेटप्रूफ गाड़ियां भी मौजूद हैं।

मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उन की ट्रेन के अलावा दो और ट्रेनें साथ चलती हैं। इसमें से एक ट्रेन जो आगे चलती है वो यह सुनिश्चित करती है कि रेलवे ट्रैक सुरक्षित हैं और पीछे वाली ट्रेन अंगरक्षकों और सहायक कर्मियों को ले जाती है।

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