सोनोवाल की यात्रा का मकसद रूस के साथ समुद्री सहयोग बढ़ाना है। इसके अलावा बंगाल की खाड़ी में ट्रांस शिपमेंट हब बनाने पर भी दोनों देशों के बीच मंत्री स्तरीय चर्चा होगी। रूस रवाना होने से पहले सोनोवाल ने कहा, प्रतिष्ठित पूर्वी आर्थिक मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करना बड़ी जिम्मेदारी है।
केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल सोमवार को पूर्वी आर्थिक मंच (ईईएफ) में भारत का प्रतिनिधित्व करने रूस रवाना हुए। रूसी बंदरगाह शहर व्लादिवोस्तोक में आयोजित किए जा रहे ईईएफ से इतर सोनोवाल रूसी सुदूर पूर्व और आर्कटिक विकास मंत्री एलेक्सी चेकुनकोव, रूस के परिवहन मंत्री विटाली सेवलीव के साथ ही अन्य नेताओं से मिलेंगे।
मंत्रालय के मुताबिक भारतीय बंदरगाहों से रूसी सुदूर पूर्व तक की यात्रा में 24 दिन लगते हैं, जबकि नोवोरोस्सिएस्क बंदरगाह से 30 दिन का समय लगता है। यह गलियारा भारत व रूस दोनों के लिए व्यापार और सहयोग के नए अवसरों को खोलने की अपार क्षमता रखता है।
पूर्वी आर्थिक मंच की स्थापना रूस के सुदूर पूर्व के आर्थिक विकास को सहयोग करने और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए 2015 में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने की थी। अब यह बड़ा मंच है।
10 से 13 तक व्लादिवोस्तोक में हो रहा आयोजन
कार्यक्रम का आयोजन 10 से 13 सितंबर 2023 तक व्लादिवोस्तोक के सुदूर पूर्वी संघीय विश्वविद्यालय परिसर में हो रहा है। पूर्वी आर्थिक मंच रूसी और वैश्विक निवेशकों के बीच संबंधों को बनाने, मजबूत करने के लिए रूस के सुदूर पूर्व की आर्थिक क्षमता व उन्नत विशेष आर्थिक जोन में व्यावसायिक स्थितियों के व्यापक विशेषज्ञ मूल्यांकन के लिए एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मंच है।
रूसी दावा : यूक्रेन के कब्जे वाले 4 क्षेत्रों में जीते पुतिन के समर्थक
रूस ने दावा किया है कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के समर्थन वाली यूनाइटेड रशिया पार्टी ने रूस के कब्जे वाले यूक्रेन के चार क्षेत्रों में हुए स्थानीय मतदान में जीत हासिल की है। यह मतदान पिछले शुक्रवार से रविवार तक चला है। क्रेमलिन ने गत वर्ष पूर्ण सैन्य नियंत्रण न होने के बावजूद पूर्वी-दक्षिणी क्षेत्रों पर कब्जा करने का दावा किया था। हालांकि, यूक्रेन और उसके सहयोगियों ने इन चुनावों को सिरे से खारिज कर दिया है। एक डेटा से पता चला है कि युद्धग्रस्त यूक्रेन के क्षेत्रों में मतदाताओं ने प्रत्येक क्षेत्र में 70 प्रतिशत से अधिक मतदान के साथ रूस का समर्थन किया।