प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि तेजी से बदलते विश्व में हमें बदलाव के साथ-साथ स्थिरता और मजबूती की भी उतनी ही जरूरत है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि तेजी से बदलते विश्व में हमें बदलाव के साथ-साथ स्थिरता और मजबूती की भी उतनी ही जरूरत है। हम प्रण लें कि हरित विकास समझौता, एसडीजीएस पर कार्य योजना, भ्रष्टाचार विरोध पर उच्च स्तरीय सिद्धांत, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना और एमडीबी सुधारों के अपने संकल्पों को सिद्धि तक लेकर जाएंगे। जी-20 के समापन सत्र में पीएम ने कहा, कुछ ज्वलंत समस्याएं विश्व के सामने हैं जो सभी देशों के वर्तमान और भविष्य, दोनों को प्रभावित कर रही हैं।
आगे बोले कि साइबर जगत से आतंकवाद को नए माध्यम और फंडिंग के नए तौर-तरीके मिल रहे हैं। ये हर देश की सुरक्षा और समृद्धि के लिए बहुत महत्वपूर्ण विषय है। जब हम हर देश की सुरक्षा, हर देश की संवेदना का ध्यान रखेंगे तभी एक भविष्य का भाव सशक्त होगा। दुनिया के सामने मौजूद साइबर सुरक्षा और क्रिप्टोकरेंसी जैसी चुनौतियों से हम परिचित हैं। इनके नियमन के लिए हमें वैश्विक फ्रेमवर्क की जरूरत है और इस दिशा में जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने होंगे।
पीएम मोदी ने कहा, हमें बहुपक्षीय विकास बैंक के विचार का विस्तार भी करना होगा। इस दिशा में हमारे फैसले त्वरित और प्रभावी होने चाहिए। हमारे सामने बैंक विनियमन पर बेसल मानक एक मॉडल के रूप में है।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने टेक्नोलॉजी को इन्क्लूसिव डेवलपमेंट के लिए, लास्ट माइल डिलिवरी के लिए, उपयोग किया है। हमारे छोटे से छोटे गांव में, छोटे से छोटा व्यापारी भी, डिजिटल लेन-देन कर रहा है।
कहा, मुझे खुशी है कि भारत की अध्यक्षता में डिजिटल सार्वजनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए मजबूत फ्रेमवर्क पर सहमति बनी है। विकास के लिए डाटा के उपयोग पर जी-20 सिद्धांत को भी स्वीकारा गया है। वैश्विक साउथ के विकास के लिए विकास क्षमता निर्माण पहल के लिए डाटा को लॉन्च करने का निर्णय भी लिया है। स्टार्टअप 20 सहभागिता समूह का गठन भी एक बड़ा कदम है।
हर क्षेत्र में मिले एआई का लाभ
पीएम ने कहा कि आज हम न्यू जेनेरेशन टेक्नोलॉजी में अकल्पनीय स्केल और स्पीड के गवाह बन रहे हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उदाहरण सामने है। 2019 में जी-20 ने एआई पर सिद्धांत अपनाए थे। आज हमें उससे एक कदम और आगे बढ़ने की जरूरत है। मेरा सुझाव है कि अब हम जिम्मेदार मानव-केंद्रित एआई शासन के लिए एक फ्रेमवर्क तैयार करें।
हमने चंद्रयान मिशन के डाटा को मानव हित में साझा करने की बात की
मैंने जीडीपी आधारित अप्रोच के बजाए मानव केंद्रित विजन पर निरंतर आपका ध्यान आकर्षित किया है। आज भारत जैसे देशों के पास ऐसा कितना कुछ है, जो हम पूरे विश्व के साथ साझा कर रहे हैं। भारत ने चंद्रयान मिशन के डाटा को मानव हित में साझा करने की बात की है। ये भी मानव केंद्रित ग्रोथ को लेकर हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। -पीएम