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छह राज्यों की सात विधानसभा सीटों पर क्यों हुए उपचुनाव, कितनी जगह ‘इंडिया’ साथ, कहां आमने-सामने?

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जिन सात विधानसभा सीटों पर आज मतों की गिनती हो रही है उनमें उत्तर प्रदेश की घोसी, झारखंड की डुमरी, त्रिपुरा की धनपुर और बोक्सानगर, उत्तराखंड की बागेश्वर, पश्चिम बंगाल की धुपगुड़ी और केरल की पुथुप्पल्ली शामिल हैं। इनमें से तीन सीटें अभी भाजपा के पास हैं जबकि चार अन्य पर विपक्षी दलों का कब्जा है।

देशभर में आज सात विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव की मतगणना हो रही है। ये उपचुनाव छह राज्यों में अलग-अलग सीटों के खाली होने के कारण पांच सितंबर को हुए थे। देश में सात सीटों पर हो हुए उपचुनाव किन सीटों पर हुए हैं? उपचुनाव की वजह क्या रही?  इन चुनावों की अहमियत क्या है? आइये जानते हैं…

उपचुनाव किन सीटों पर हुए?
जिन सात सीटों पर आज मतों की गिनती हो रही है उनमें उत्तर प्रदेश की घोसी, झारखंड की डुमरी, त्रिपुरा की धनपुर और बोक्सानगर, उत्तराखंड की बागेश्वर, पश्चिम बंगाल की धुपगुड़ी और केरल की पुथुप्पल्ली शामिल हैं।

घोसी, उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में घोसी सीट समाजवादी पार्टी (सपा) विधायक दारा सिंह चौहान के इस्तीफे के बाद खाली हो गई, जो भाजपा में दोबारा शामिल हो गए। जहां सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने चौहान को मैदान में उतारा है, वहीं सपा के उम्मीदवार सुधाकर सिंह को कांग्रेस और वाम दलों का समर्थन मिला है। दारा सिंह पिछली योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री थे। उन्होंने जनवरी 2022 को मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे दिया था और सपा में शामिल हो गये थे। वहीं, सुधाकर सिंह 2012 में इस सीट से जीत दर्ज कर चुके हैं।

बागेश्वर, उत्तराखंड
उत्तराखंड की बागेश्वर (एससी) सीट भाजपा विधायक चंदन राम दास के निधन के बाद रिक्त हुई थी। सत्तारूढ़ भाजपा ने सीट से चंदन राम दास की पत्नी पार्वती दास को मैदान में उतारा है। 2007 से लगातार चार चुनावों में चंदन दास ने जीत हासिल की थी। कांग्रेस ने बसंत कुमार को मैदान में उतारा है। इस सीट में भाजपा और कांग्रेस में सीधी टक्कर मानी जा रही है।

धुपगुड़ी, पश्चिम बंगाल 
पश्चिम बंगाल की धुपगुड़ी एससी विधानसभा सीट भाजपा विधायक बिष्णु पांडे की मृत्यु के बाद खाली हुई थी। उत्तर बंगाल की इस सीट पर टीएमसी, भाजपा और कांग्रेस समर्थित सीपीआई (एम) के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखा जा रहा है। 2016 में इस सीट पर टीएमसी ने जीत दर्ज की थी। 2021 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने यह सीट टीएमसी से छीन ली।

धनपुर और बोक्सानगर, त्रिपुरा 
त्रिपुरा की बोक्सानगर सीट सीपीआई (एम) विधायक समसुल हक के निधन की वजह से खाली हुई। वहीं, सिपाहीजला जिले की एक अन्य सीट धनपुर भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक के विधायक पद छोड़ने के बाद खाली हुई थी।

भाजपा के तफज्जल हुसैन मुस्लिम बहुल बोक्सानगर में सीपीआई (एम) के मिजान हुसैन के सामने हैं। इस सीट को वाम दल का गढ़ माना जाता है। कभी वाम दलों का मजबूत गढ़ रहे धनपुर में भाजपा की बिंदू देबनाथ और सीपीआई (एम) के कौशिक देबनाथ के बीच सीधी लड़ाई है।

इस बीच दोनों विधानसभा सीटों पर खुद मुख्यमंत्री माणिक साहा ने भाजपा के चुनाव प्रचार का नेतृत्व किया। वहीं दूसरी ओर मुख्य विपक्षी दल टिपरा मोथा और कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार नहीं उतारे। त्रिपुरा कांग्रेस ने लोगों से दोनों सीटों पर ‘इंडिया’ के उम्मीदवारों को वोट देने का आग्रह किया था।

डुमरी, झारखंड 
झारखंड की डुमरी विधानसभा सीट सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक जगरनाथ महतो के निधन के बाद खाली हुई थी। यहां इंडिया विपक्षी समूह की प्रत्याशी बेबी देवी का सीधा मुकाबला एनडीए प्रत्याशी यशोदा देवी से है। यह सीट दोनों गठबंधनों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है।

पुथुपल्ली, केरल
केरल की पुथुपल्ली विधानसभा सीट पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी के निधन के बाद रिक्त हुई थी। चांडी ने मई 2011 से मई 2016 तक केरल के 10वें मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। कांग्रेस नेता का गले के कैंसर के कारण 18 जुलाई 2023 को 79 वर्ष की आयु में बेंगलुरु के चिन्मय मिशन अस्पताल में निधन हो गया।

इस सीट का मुकाबला दिलचस्प है क्योंकि यहां कांग्रेस और सत्तारूढ़ वाम दल एक-दूसरे के सामने हैं। कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ ने पूर्व सीएम की मृत्यु के बाद उनके बेटे चांडी ओमन को मैदान में उतारा है। दूसरी ओर सत्तारूढ़ वाम फ्रंट ने डीवाईएफआई नेता जैक सी थॉमस को उम्मीदवारी थमाई है। भाजपा ने अपने कोट्टायम जिला अध्यक्ष जी लिजिनलाल को मैदान में उतारा है।

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