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जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए विदेशी मेहमानों का आना जारी; आज भारत पहुंचेंगे ये नेता

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जी-20 समिट में शामिल होने के लिए दुनियाभर के नेताओं का भारत आने का कार्यक्रम भले ही गुरुवार से शुरू हो गया हो लेकिन अधिकतर देशों के राष्ट्राध्यक्ष आठ सितंबर यानी आज भारत पहुंचेंगे। इनमें अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, यूके के पीएम ऋषि सुनक, जापान के पीएम किशिदा फूमियो, ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बानीज. रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, चीन के पीएम ली कियांग, ब्राजील के राष्ट्रपति लुईज इनैसियो लुला दा सिल्वा शामिल हैं।

भारत इस साल जी-20 देशों की अध्यक्षता कर रहा है। ऐसे में नौ और 10 सितंबर को होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए विदेशी मेहमानों का आना गुरुवार से शुरू हो गया है। इसी क्रम में गुरुवार को मॉरीशस के पीएम प्रविंद जुगनौथ दिल्ली पहुंच गए हैं। साथ ही आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) के महासचिव माथियास कॉर्मन और संयुक्त मैक्सिकन राज्य के अर्थव्यवस्था मंत्री रक़ेल ब्यूनरोस्त्रो सांचेज़ भी  दिल्ली पहुंचे हैं। गौरतलब है कि अधिकांश देशों के प्रमुख आठ सितंबर यानी आज भारत आएंगे।

अर्जेंटीना के राष्ट्रपति भारत पहुंचे
जी-20 समिट के लिए अर्जेंटीना के राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडीज शुक्रवार सुबह भारत पहुंच गए हैं। दूसरी तरफ स्पेन के राष्ट्रपति पेड्रो सांचेज की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, जिसके चलते वह जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने भारत नहीं आ पाएंगे।

संयुक्त मैक्सिकन राज्य के अर्थव्यवस्था मंत्री रक़ेल ब्यूनरोस्त्रो सांचेज़ दिल्ली पहुंचे
संयुक्त मैक्सिकन राज्यों के अर्थव्यवस्था मंत्री रक़ेल ब्यूनरोस्त्रो सांचेज दिल्ली पहुंच गए हैं। वे यहां  9 और 10 सितंबर को आयोजित होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। बता दें कि भारत और मैक्सिको के बीच आपसी समझ और  द्विपक्षीय व्यापार में बीते दिनों तेजी आई है। भौगोलिक रूप से दूर होने के बावजूद, दोनों देशों में भूगोल, इतिहास, संस्कृति और सभ्यता के संबंध में कई समानताएं हैं।

ओईसीडी महासचिव माथियास कॉर्मन नई दिल्ली पहुंचे
आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) के महासचिव, माथियास कॉर्मन नौ और 10 सितंबर को नई दिल्ली में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए गुरुवार को भारत पहुंचे। बता दें कि ओईसीडी एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो बेहतर जीवन के लिए नीतियां बनाने का काम करता है। संगठन का लक्ष्य ऐसी नीतियों को आकार देना है जो सभी के लिए समृद्धि, समानता, अवसर और कल्याण को बढ़ावा दें।

ओईसीडी साक्ष्य-आधारित अंतरराष्ट्रीय मानकों की स्थापना और कई सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान खोजने की दिशा में काम करता है।

यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल का प्रहलाद सिंह पटेल ने किया स्वागत
यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल 9 और 10 सितंबर को होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए गुरुवार को नई दिल्ली पहुंचे। चार्ल्स मिशेल का यहां इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय (आईजीआई) हवाई अड्डे पर जल शक्ति मंत्री और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने स्वागत किया।

इससे पहले दिन में, यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन भी जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दिल्ली पहुंचे। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री  अनुप्रिया सिंह पटेल ने उनका स्वागत किया।

डब्ल्यूटीओ महानिदेशक नई दिल्ली पहुंचे
विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के महानिदेशक नगोजी ओकोन्जो-इवेला गुरुवार रात नई दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंचे। वे यहां जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। जी20 नेताओं का शिखर सम्मेलन 9-10 सितंबर को यहां राष्ट्रीय राजधानी में होगा।

गौरतलब है कि भारत 1995 से डब्ल्यूटीओ का सदस्य रहा है, और 1948 से टैरिफ और व्यापार पर सामान्य समझौते (जीएटीटी) का सदस्य रहा है।

मॉरीशस के पीएम प्रविंद जुगनाथ दिल्ली पहुंचे, वसुधैव कुटुंबकम थीम को सराहा 
मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जुगनाथ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए बृहस्पतिवार को नई दिल्ली पहुंच गए। एयरपोर्ट पर उनका स्वागत केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने किया। एयरपोर्ट के बाहर उनके स्वागत में पारंपरिक लोक नृत्य का आयोजन भी किया गया। जुगनाथ ने एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में भारत की जी-20 अध्यक्षता की सराहना की और कहा कि शिखर सम्मेलन के लिए एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य से बेहतर कोई थीम नहीं हो सकती थी, जो कि वसुधैव कुटुम्बकम पर धारणा पर आधारित है। उन्होंने मॉरीशस को आमंत्रित करने के लिए भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद भी दिया और कहा कि उनका देश शिखर सम्मेलन में अहम योगदान देने जा रहा है।

दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रामफोसा ने भारत यात्रा की पुष्टि की
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने जी20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत की अपनी यात्रा की पुष्टि कर दी है। दक्षिण अफ्रीका के राजनयिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे।

अधिकतर राष्ट्राध्यक्ष आज पहुंचेंगे दिल्ली
राजधानी दिल्ली में होने जा रही जी-20 समिट के लिए व्यापक स्तर पर तैयारियां की गईं हैं। जहां एक ओर विदेशी मेहमानों की सुरक्षा के लिए खास इंतजाम किए गए हैं, वहीं उनके रहने और खाने के लिए विश्व स्तरीय इंतजाम किए गए हैं। कई केंद्रीय मंत्रियों को व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी दी गई है। जी-20 समिट में शामिल होने के लिए दुनियाभर के नेताओं का भारत आने का कार्यक्रम भले ही गुरुवार से शुरू हो गया हो लेकिन अधिकतर देशों के राष्ट्राध्यक्ष आठ सितंबर यानी आज भारत पहुंचेंगे। इनमें अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, यूके के पीएम ऋषि सुनक, जापान के पीएम किशिदा फूमियो, ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बानीज. रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, चीन के पीएम ली कियांग, ब्राजील के राष्ट्रपति लुईज इनैसियो लुला दा सिल्वा आदि शामिल हैं। इन नेताओं के साथ ही कनाडा, यूएई, तुर्किये समेत कई और देशों के राष्ट्र प्रमुख भी आज दिल्ली पहुंचेंगे।
शाही तरीके से सजी दिल्ली
जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए विदेशी प्रतिनिधियों के स्वागत के लिए राष्ट्रीय राजधानी को शाही तरीके से सजाया गया है, ऐसे में केंद्र ने गणमान्य व्यक्तियों के स्वागत के लिए विभिन्न केंद्रीय राज्य मंत्रियों को जिम्मेदारियां सौंपी हैं। सूत्रों ने एएनआई को बताया कि विदेश सचिव द्वारा मंत्रिपरिषद और राज्य मंत्रियों के समक्ष एक प्रस्तुति दी गई।

इन नेता ये मंत्री करेंगे स्वागत
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का स्वागत राज्य मंत्री वीके सिंह आठ सितंबर को शाम छह बजकर 55 मिनट (अस्थायी समयानुसार) पर करेंगे जबकि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक का स्वागत राज्य मंत्री अश्विनी चौबे दोपहर एक बजकर 40 मिनट पर करेंगे।

सूत्रों के अनुसार, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना का दोपहर 12:30 बजे राज्य मंत्री दर्शना जरदोश की ओर से स्वागत किया जाएगा, जबकि राज्य मंत्री चौबे ही 2.15 बजे जापानी प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा का स्वागत करेंगे। सूत्रों ने बताया कि इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी का स्वागत राज्य मंत्री शोभा कराडलाजे सुबह छह बजकर 20 मिनट पर करेंगी।

चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग का स्वागत राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह शाम सात बजकर 45 मिनट पर करेंगे जबकि संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति एचएच शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान का स्वागत गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय करेंगे।

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज शाम 6.15 बजे पहुंचेंगे और केंद्रीय राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर उनका स्वागत करेंगे। जर्मनी और फ्रांस के राष्ट्राध्यक्ष नौ सितंबर को यहां पहुंचेंगे। जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज सुबह आठ बजे पहुंचेंगे और राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा उनकी अगवानी करेंगे। फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर पहुंचेंगे और उनकी अगवानी राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल करेंगी।

राष्ट्रपति के रात्रिभोज में तीन घंटे का संगीत कार्यक्रम
जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने वाले दुनियाभर के विशिष्ट मेहमान के लिए 9 सितंबर को भारत की राष्ट्रपति की मेजबानी में आयोजित रात्रिभोज में भारतीय सांस्कृति की गहरी झलक देखने को मिलेगी। यह अपनी तरह का अनूठा वाद्य संगीत कार्यक्रम होगा।

भारत-वाद्य-दर्शनम देश में प्रचलित विभिन्न संगीत शैलियों का एक संयोजन होगा जिसका आयोजन संस्कृति मंत्रालय के तहत संगीत नाटक अकादमी की तरफ से किया जा रहा है। भारत मंडपन में जी-20 नेताओं के सम्मान में राष्ट्रपति की तरफ से आयोजित रात्रिभोज के दौरान देशभर से 78 वाद्यवादक तीन घंटे तक एक साथ प्रस्तुति देंगे।

इस समारोह को जो चीज सबसे अलग करती है वो यह है कि इसमें 34 हिंदुस्तानी वाद्ययंत्र, 18 कर्नाटक वाद्ययंत्र और भारतीय राज्यों के 40 लोक वाद्ययंत्र शामिल हैं। इसमें कुल 78 कलाकार शामिल होंगे जिनमें 11 बच्चे, 13 महिलाएं, 7 दिव्यांग कलाकारों और 21 बुजुर्ग कलाकार भी शामिल होंगे।

जी 20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले देशों में नाइजीरिया, अर्जेंटीना, इटली, एयू (कॉमरोस द्वारा प्रतिनिधित्व), बांग्लादेश, यूनाइटेड किंगडम, जापान, सऊदी अरब, कोरिया गणराज्य, मिस्र, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, चीन, संयुक्त अरब अमीरात, ब्राजील, इंडोनेशिया, तुर्की स्पेन, जर्मनी, फ्रांस, मॉरीशस, यूरोपीय संघ और सिंगापुर और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं।

जिनपिंग भारत नहीं आकर अपना नुकसान कर रहे : पंकज सरन
पूर्व राष्ट्रीय उप सुरक्षा सलाहकार पंकज सरन ने कहा कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भारत नहीं आकर खुद का नुकसान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिनपिंग को भारत आना चाहिए था। वहीं, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अनुपस्थिति पर सरन ने कहा, इसका मुख्य कारण जी-7 में तनाव है। भारत के साथ रिश्ते से कुछ लेना देना नहीं है। उल्लेखनीय है कि रूस को 2014 में क्रीमिया पर कब्जे के कारण जी-7 की सदस्यता से निलंबित कर दिया गया था।

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