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ममता ने विधायकों के वेतन में बढ़ोतरी का किया एलान; राज्यपाल ने दिया राजभवन के अंदर प्रदर्शन करने का न्योता

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राज्यपाल ने कहा कि मैं अपनी सम्मानित संवैधानिक सहयोगी माननीय मुख्यमंत्री से अनुरोध करूंगा कि वे राजभवन के अंदर आएं और अगर वह चाहें तो विरोध प्रदर्शन करें। उन्हें बाहर क्यों खड़ा होना चाहिए?

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल के विधायकों के वेतन में 40,000 रुपये प्रति माह की बढ़ोतरी की घोषणा की। ममता ने कहा कि मुख्यमंत्री के वेतन में कोई संशोधन नहीं होगा, क्योंकि वह लंबे समय से कोई वेतन नहीं ले रही हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल विधानसभा के विधायकों का वेतन अन्य राज्यों की तुलना में बहुत कम है। इसलिए यह निर्णय लिया गया है कि उनके वेतन में प्रति माह 40,000 रुपये की बढ़ोतरी की जाएगी।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में कहा कि मैं टैगोर के ‘बांग्लार माटी, बांग्लार जल’ गीत को बंगाल का राज्य गीत बनाने के प्रस्ताव का समर्थन करती हूं। हम 15 अप्रैल को बंगाल दिवस के तौर पर मनाएंगे। इस बीच राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने गुरुवार को मुख्यमंत्री को सम्मानित अतिथि के रूप में राजभवन के अंदर किसी भी तरह का विरोध प्रदर्शन करने का न्योता दिया। दरअसल, ममता ने राज्य विधानसभा से पारित अपने बिलों को रोकने के खिलाफ में राजभवन के बाहर धरना देने की धमकी दी थी।

राज्यपाल ने कहा कि मैं अपनी सम्मानित संवैधानिक सहयोगी माननीय मुख्यमंत्री से अनुरोध करूंगा कि वे राजभवन के अंदर आएं और अगर वह चाहें तो विरोध प्रदर्शन करें। उन्हें बाहर क्यों खड़ा होना चाहिए? इससे पहले मंगलवार को शिक्षक दिवस के एक कार्यक्रम के दौरान ममता बनर्जी ने कहा था कि अगर राज्य सरकारों के अधिकार छीनकर संघवाद में हस्तक्षेप किया गया तो मैं राजभवन के बाहर धरने पर बैठने के लिए मजबूर हो जाऊंगी। हम अन्याय नहीं होने देंगे। बंगाल जानता है कि लड़ाई कैसे लड़ी जाए।

इस बीच सीवी आनंद बोस ने एक वीडियो संदेश में यह भी कहा कि वह राज्य के विश्वविद्यालयों को भ्रष्टाचार तथा हिंसा से मुक्त रखने की अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। राज्यपाल का यह संदेश ऐसे वक्त में आया है, जब राज्य के कुछ विश्वविद्यालयों में राज्यपाल की ओर से अंतरिम कुलपतियों की नियुक्तियों को लेकर राज्य सरकार तथा राजभवन के बीच तना-तनी चल रही है।

राज्यपाल बोस ने रवीन्द्र नाथ टैगोर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस और स्वामी विवेकानंद के नाम का उल्लेख करते हुए वादा किया कि वह भ्रष्टाचार मुक्त शिक्षा जगत के लिए लड़ाई जारी रखेंगे। अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति संबंधी राजभवन के हालिया कदम के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से की गईं नियुक्तियों के खिलाफ शीर्ष अदालत के फैसले के मद्देनजर मैंने अंतरिम कुलपतियों की नियुक्तियां कीं।

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