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Teachers Day: ‘बच्चे की क्षमता पहचानकर विकसित करना शिक्षकों का कर्तव्य’, राष्ट्रपति ने अध्यापकों को दिए मंत्र

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विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्र-निर्माता के रूप में शिक्षकों के महत्व को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भी स्पष्ट रूप से बताया गया है। इसलिए शिक्षा की गुणवत्ता पर काम करना जरूरी है।

Duty of teachers, parents to help children develop abilities says President Murmu on Teachers Day

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि प्रत्येक बच्चे की क्षमताओं को पहचान कर उसकी क्षमताओं को विकसित करना शिक्षक और अभिभावक दोनों का कर्तव्य है। शिक्षक के साथ-साथ माता-पिता को भी इसमें सहयोग करना चाहिए। यह बात राष्ट्रपति ने  शिक्षक दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में 75 शिक्षकों को शिक्षा में उत्कृष्ट योगदान के लिए शिक्षा का सर्वोच्च सम्मान देते हुए कही। उन्होंने कहा कि शिक्षा में महिलाओं की भागीदारी अधिक है, लेकिन पुरस्कार पाने वालों में उनकी संख्या कम है।

विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने कहा कि प्रारंभिक शिक्षा का किसी के भी जीवन में मौलिक महत्व है। हालांकि कई शिक्षाविद् बच्चों के संतुलित विकास के लिए थ्री-एच फॉर्मूले की बात करते हैं, जिसमें पहला एच हार्ट, दूसरा एच हेड और तीसरा एच हैंड है। इसमें हृदय का संबंध संवेदनशीलता, मानवीय मूल्यों, चरित्र की मजबूती और नैतिकता से है। जबकि सिर या मस्तिष्क का संबंध मानसिक विकास, तर्क शक्ति, पढ़ने और हाथ का संबंध शारीरिक कौशल और शारीरिक श्रम के प्रति सम्मान से है।

उन्होंने कहा कि इन सभी विषयों पर काम करने से ही बच्चों का सर्वांगीण विकास संभव होगा। गुणवत्ता युक्त शिक्षा हर बच्चे का मौलिक अधिकार है। राष्ट्र-निर्माता के रूप में शिक्षकों के महत्व को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भी स्पष्ट रूप से बताया गया है। इसलिए शिक्षा की गुणवत्ता पर काम करना जरूरी है। समारोह के दौरान एक दिव्यांग शिक्षक को अवार्ड देने के लिए राष्ट्रपति खुद मंच से नीचे उतरकर आईं और रस्कार देकर सम्मानित किया।

इन शिक्षकों को सर्वोच्च सम्मान
हरियाणा से रेवाड़ी जिले के बुरोली सरकारी स्कूल के सत्यपाल सिंह, हिमाचल प्रदेश से कांगड़ा जिले के सरकारी स्कूल इंदौरा के विजय कुमार, पंजाब के लुधियाना के अमृतपाल सिंह और लुधियाना के ही सेंट पॉल मित्तल स्कूल के भूपिंदर गोगिया, दिल्ली के एसकेवी लक्ष्मी नगर की आरती कानुंगो, दिल्ली के पश्चिम विहार के सेंट मार्क सीनियर सेकेंडरी स्कूल की रितिका आनंद,उत्तराखंड के पौडी गढ़वाल स्थित गवर्नमेंट इंटर कॉलेज के दौलत सिंह गोसाई, चंडीगढ़ के सेक्टर 14 गवर्नमेंट मॉडल हाई स्कूल के संजय कुमार,जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के सरकारी स्कूल के रेयाज अहमद शेख ,उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के अस्ती नगर की आसिया फारूखी, बुलंदशहर के शिव कुमार अग्रवाल जनता इंटर कॉलेज के चंद्र प्रकाश अग्रवाल, मेरठ के केएल इंटरनेशनल स्कूल के सुधांशु शेखर पांडा समेत कुल 75 शिक्षकों को सर्वोच्च सम्मान मिलेगा।

शिक्षकों व शोधार्थियों को किया गया सम्मानित
डॉ. बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय में शिक्षक दिवस के अवसर पर शोधोत्सव कार्यक्रम 2023 आयोजित किया गया। विवि के कर्मपुरा सभागार में आयोजित इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ शिक्षाविद् प्रो. अनिल सहस्त्रबुद्धे शामिल हुए। इस दौरान विवि के शिक्षकों व शोधार्थियों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विवि की कुलपति प्रो. अनु सिंह लाठर भी उपस्थित थीं। नई शिक्षा नीति में शोध की बढ़ी उपयोगिता को देखते हुए कुलपति ने महत्वपूर्ण  शोध करने वाले शिक्षकों और शोधार्थियों को सम्मानित करने का निर्णय लिया था, जिससे कि उन्हें प्रोत्साहित किया जा सके। शोधोत्सव में विश्वविद्यालय के चार सदस्यों को उनके विशेष शोध कार्य के लिए सम्मानित किया गया।

वेद ही भारतीय संस्कृति का मूल आधार…
वेद ही भारतीय संस्कृति का मूल आधार है, जिसे हम भारतीय संस्कृति कहते हैं वह वेदों द्वारा निर्धारित सामाजिक नियमों व सांस्कृतिक विधानों में मिलता है। भारत ऋषि मुनियों की भूमि रही है और उन्होंने अपनी ज्ञान परंपरा से ऐसे गुरुकुल का निर्माण किया, जिन्होंने राष्ट्र का नेतृत्व करने वाले युवाओं को तैयार करने का कार्य किया। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह बातें महर्षि दयानंद व्याख्यान माला में कहीं।

शिक्षक दिवस पर हंसराज कॉलेज में महर्षि दयानंद सरस्वती की 200 वीं जयंती के अवसर पर आयोजित व्याख्यान माला को मुख्य अतिथि एवं वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आधुनिक विज्ञान के समस्त सिद्धांतों और अनुसंधानों का मूल हमें वेदों में मिलता है। उन्होंने भारत की सनातन चेतना को गौरवपूर्ण बताते हुए कहा कि जो नित नूतन है,  चिर पुरातन है वही सनातन है। इस अवसर पर उन्होंने स्वामी दयानंद सरस्वती, महात्मा हंसराज को भी याद किया।

शांति, अहिंसा, सत्य और परिश्रम पर आधारित हो शिक्षा…
यदि विश्व को शांति, अहिंसा, सत्य, परिश्रम, प्रमाणिकता, निष्ठा और परस्पर सहयोग जैसे मूल्यों पर ले जाना है तो इन मूल्यों का भारतीय औपचारिक शिक्षा में प्रावधान होना चाहिए। उसका प्रयत्न विश्वविद्यालयों के द्वारा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मानसिक आधार पर कुरीतियों के रहते हुए ज्ञान का सदुपयोग नहीं, दुरुपयोग होता है। आरएसएस के पूर्व सरकार्यवाह सुरेश भैय्याजी जोशी ने यह बातें डीयू में शिक्षक दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहीं।

Big News: पूर्व सैनिकों के लिए सेना ने शुरू किया ‘प्रोजेक्ट नमन’; मणिपुर में चार महीने बाद आज से खुलेंगे कॉलेज

रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस परियोजना में सेना के पूर्व सैनिकों और उनके परिजनों के लिए सुविधा और शिकायत निवारण केंद्र स्थापित करना शामिल है। इसमें एक कॉमन सर्विस सेंटर होगा जो पूर्व सैनिकों और शहीद सैन्य कर्मियों के परिजनों को सुविधा प्रदान करेगा।

Indian Army launches Project Naman for welfare of veterans, relatives of deceased personnel big news in hindi

भारतीय सेना ने मंगलवार को पूर्व सैनिकों और शहीदों के परिजनों के कल्याण के लिए ‘प्रोजेक्ट नमन’ शुरू किया। इसके तहत पूर्व सैनिकों और शहीद सैन्य कर्मियों के परिजनों के लिए सुविधा और शिकायत निवारण केंद्र स्थापित किए जाएंगे। अधिकारियों ने कहा कि इस तरह का पहला केंद्र जल्द ही दिल्ली छावनी में स्थापित किया जाएगा। भारतीय सेना के पूर्व सैनिक निदेशालय (एडजुटेंट जनरल ब्रांच) ने पूर्व सैनिकों के सम्मान में प्रोजेक्ट नमन के लिए एचडीएफसी बैंक और सीएसई ई-गवर्नेंस इंडिया लिमिटेड के साथ समझौता किया है।

रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस परियोजना में सेना के पूर्व सैनिकों और उनके परिजनों के लिए सुविधा और शिकायत निवारण केंद्र स्थापित करना शामिल है। इसमें एक कॉमन सर्विस सेंटर होगा जो पूर्व सैनिकों और शहीद सैन्य कर्मियों के परिजनों को सुविधा प्रदान करेगा। यह सभी सेवाओं की पेशकश करेगा और दिग्गजों, परिजनों और आश्रितों के स्पर्श पोर्टल पर पेंशनभोगियों के खातों को अपडेट करने की सुविधा भी देगा। अधिकारियों ने कहा कि परियोजना के दूसरे चरण में, भारत भर के विभिन्न सैन्य स्टेशनों पर 13 और केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

सेना 170 बख्तरबंद वाहन खरीदेगी
भारतीय सेना ने अपनी परिचालन क्षमताओं को बढ़ाने के लिए 170 बख्तरबंद वाहन (एआरवी) खरीदने की प्रक्रिया मंगलवार को शुरू की। अधिकारियों ने कहा कि एआरवी की खरीद ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के के तहत की जाएगी। 170 एआरवी की खरीद के लिए प्रारंभिक निविदा मंगलवार को जारी की गई थी। आरएफआई के अनुसार, एआरवी को उच्च ऊंचाई वाले पर्वतीय क्षेत्रों सहित विभिन्न इलाकों में विभिन्न मौसम स्थितियों में काम करने में सक्षम होना होगा। उन्हें दिन-रात विभिन्न मौसम में काम करने की भी आवश्यकता होगी। एआरवी आम तौर पर क्षतिग्रस्त बख्तरबंद लड़ाकू वाहनों की मरम्मत और पुनर्प्राप्ति सेवा प्रदान करते हैं।

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