Happy Teacher’s Day 2023: आज भारत में शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अंतरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है? आइए जानते हैं।
Teacher’s Day 2023: आज पूरा देश शिक्षक दिवस मना रहा है। भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह तो हुई अपने देश की बात, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अंतरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस (World Teacher’s Day) किस दिन मनाया जाता है? भारत में तो शिक्षक दिवस आज, यानी 05 सितंबर के दिन मनाया जाता है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस 5 अक्तूबर के दिन मनाया जाता है।
अंतरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस दुनियाभर के शिक्षकों के महत्व और उनके योगदान को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। इसे मनाने का उद्देश्य दुनियाभर में शिक्षण और शिक्षकों के मूलभूत मुद्दों पर चर्चा करना है।
कैसे हुई अंतरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस की शुरुआत?
साल 1966 में UNESCO और अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन की बैठक हुई। इस बैठक में शिक्षकों के अधिकारों, जिम्मेदारियों, रोजगार और शिक्षा के लिए गाइडलाइन बनाने का प्रस्ताव रखा गया। साल 1994 में शिक्षक दिवस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने के लिए 100 देशों के समर्थन के साथ संयुक्त राष्ट्र में UNESCO की इस शिफारिश को पारित कर दिया गया। इसके बाद, 5 अक्तूबर 1994 से अंतरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस की शुरुआत हुई।
100 देश मनाते हैं 5 अक्तूबर को शिक्षक दिवस
यूनेस्को के अनुसार, 5 अक्टूबर को विश्व शिक्षक दिवस घोषित करने से दुनियाभर में सेवारत तमाम शिक्षकों को उनके द्वारा शिक्षा और विकास के क्षेत्र में दिए जा रहे अहम योगदान से लोगों को अवगत कराया और याद दिलाया जा सकेगा। इसके अलावा, इस दिन के जरिए आम लोगों को शिक्षकों के बारे में और अधिक समझने का मौका मिलेगा। विश्वभर में लगभग सौ देश 5 अक्तूबर के दिन शिक्षक दिवस मनाते हैं।
Fatima Sheikh: भारत की पहली महिला शिक्षक, जिन्होंने महिलाओं को पढ़ाने के लिए उठाए बड़े कदम
Fatima Sheikh struggle story:“लोगों की सबसे बेहतरीन पुस्तक उनका शिक्षक है” ये कथन तो आप सभी ने पढ़ा होगा। शिक्षक केवल किताबी ज्ञान ही नहीं बल्कि हमें जीवन में एकता और हर अस्तित्व से पहचान कराने में सहायता करता है। समाज में शिक्षक की बात जब जब की जाती है, तब तब सावित्रीबाई फुले का जिक्र किया जाता है। उन्होंने समाज में शिक्षा की राह को उजागर करते हुए खुद लोगों को पढ़ाना शुरू किया और वह भारत की प्रथम महिला शिक्षिका भी बनी। लेकिन इनके साथ एक और नाम भी शामिल किया जाता है जिनका नाम है फातिमा शेख। यह देश की पहली मुस्लिम महिला शिक्षिका थी। इन्होंने सावित्रीबाई फुले के साथ मिलकर काम किया व दलित और मुस्लिम महिलाओं, बच्चों को शिक्षित करने की शुरुआत की। यही नहीं इन्होंने 1848 में लड़कियों के लिए देश में पहले स्कूल की स्थापना भी की थी।
फातिमा शेख का जन्म 9 जनवरी 1831 को पुणे के एक मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनके भाई का नाम उस्मान शेख था, जो ज्योतिबा फुले के मित्र थे। निचली जातियों के लोगों को शिक्षित करने के कारण फातिमा शेख और उनके भाई दोनों को समाज से बाहर निकाल दिया गया था। जिसके बाद दोनों भाई-बहन सावित्रीबाई फुले से मिले। उनके के साथ मिलकर फातिमा शेख ने दलित और मुस्लिम महिलाओं और बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया।