बाल संरक्षण विभाग के अधिकारियों ने तर्क दिया कि घर पर ढंग से देखभाल नहीं की जा रही है। इसी वजह से सेहत में सुधार नहीं हुआ। प्रोटोकॉल के तहत, विभाग की ओर से सामाजिक कार्यकर्ताओं ने माता-पिता से बात की। उन्होंने घर के माहौल का भी निरीक्षण किया।
यह है पूरा मामला
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रियदर्शनी पाटिल (40) अपने परिवार के साथ ऑस्ट्रेलिया में रहती थी। तीन साल पहले उनके बेटे की तबीयत खराब हो गई थी। इलाज के लिए उसे न्यू साउथ वेल्स के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन छह महीने बाद भी बच्चे की सेहत में सुधार न दिखने से उन्होंने दूसरे अस्पताल में इलाज कराने की मांग की, जिसे अस्वीकार कर दिया गया। इसके बाद से ही बाल संरक्षण का मामला शुरू हो गया।
इस रिपोर्ट के आधार पर विभाग ने ली दोनों बच्चों की कस्टडी
बाल संरक्षण विभाग के अधिकारियों ने तर्क दिया कि घर पर ढंग से देखभाल नहीं की जा रही है। इसी वजह से सेहत में सुधार नहीं हुआ। प्रोटोकॉल के तहत, विभाग की ओर से सामाजिक कार्यकर्ताओं ने माता-पिता से बात की। उन्होंने घर के माहौल का भी निरीक्षण किया। जांच टीम के छह सदस्यों ने तो विभाग को सकारात्मक रिपोर्ट सौंपी लेकिन विभाग ने सातवीं रिपोर्ट को तवज्जो दी। इसी रिपोर्ट के आधार बाल कल्याण विभाग ने बीमार बेटे के साथ पाटिल के 18 साल के दूसरे बेटे को भी हिरासत में ले लिया।