आदित्य एल1 अंतरिक्ष यान को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया जाएगा। प्रोपल्शन प्रणाली के जरिये अंतरिक्ष यान को लग्रांज पॉइंट एल1 की ओर भेजा जाएगा।
चंद्रमा पर सफलतापूर्वक अपना यान उतारने के बाद भारत सूर्य की खोज के लिए शनिवार को अपना पहला मिशन आदित्य एल1 रवाना करेगा। इसके लिए काउंटडाउन जारी है। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के लॉन्च पैड दो से आदित्य एल1 का शनिवार सुबह 11:50 बजे प्रक्षेपण किया जाएगा।भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आदित्य एल1 को सूर्य की कक्षा तक भेजने के लिए अपने बाहुबली रॉकेट पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी)-सी 57 पर ही भरोसा किया है। इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने कहा कि मिशन को कक्षा तक पहुंचने में 125 दिन लगेंगे।
ऐसे पूरा होगा सफर
आदित्य एल1 अंतरिक्ष यान को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया जाएगा। प्रोपल्शन प्रणाली के जरिये अंतरिक्ष यान को लग्रांज पॉइंट एल1 की ओर भेजा जाएगा। एल1 पाॅइंट की तरफ बढ़ने के साथ ही यह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव क्षेत्र से बाहर निकल जाएगा। एल1 पॉइंट पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर है। एल1 पॉइंट अंतरिक्ष में एक ऐसी जगह है, जहां सूर्य और पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण का असर नहीं होता है। इसके चलते वस्तुएं यहां रह सकती हैं। इसे पार्किंग पॉइंट भी कहा जाता है।