गठबंधन में अगर जातिगत जनगणना पर सहमति नहीं बनी तो तकरार बढ़ सकती है। बिहार में जदयू-राजद सरकार जातिगत जनगणना करा रही है, वहीं सपा, डीएमके जैसे कई दल जातिगत जनगणना के समर्थन में हैं।
विपक्षी गठबंधन इंडिया की मुंबई में हुई बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। समन्वय समिति के गठन के साथ ही एकजुट हो कर मोदी सरकार को हराने का संकल्प भी पारित हुआ। बैठक में जुड़ेगा भारत जीतेगा इंडिया थीम भी तय की गई। हालांकि जाति जनगणना के सवाल पर गठबंधन में उपजे मतभेद के कारण इससे जुड़े राजनीतिक प्रस्ताव को आखिरी समय में वापस ले लिया गया। बैठक में तृणमूल कांग्रेस और शिवसेना—उद्धव ने इस प्रस्ताव का विरोध किया।
गौरतलब है कि विपक्षी गठबंधन इंडिया की रणनीति सामाजिक न्याय को मोदी सरकार और भाजपा के खिलाफ आगामी लोकसभा चुनाव में मुख्य हथियार बनाने की है। इसी कड़ी में बंगलुरू में हुई गठबंधन की दूसरी बैठक में जातिगत जनगणना को ले कर सामूहिक संकल्प भी पारित किया गया था। इसमें विशेष रूप से जातिगत जनगणना के कार्यान्वयन पर जोर दिया गया था। हालांकि मुंबई में स्थिति बदल गई। जदयू सूत्रों के मुताबिक बैठक में जातिगत जनगणना कराने की मांग को ले कर एक राजनीतिक प्रस्ताव भी तैयार किया गया था। सपा, राजद और जदयू सहित कई दल इस प्रस्ताव को पारित कराने के पक्ष में थे। हालांकि पहले पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और उसके बाद शिवसेना के विरोध के कारण प्रस्ताव को वापस ले लिया गया। तय किया गया कि इस संबंध में गठित की गई समन्वय समिति गठबंधन के सहयोगी दलों से बातचीत कर रास्ता निकालेगी।
इसरो की सराहना
बैठक में चंद्रयान-3 की सफलता को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया और इसरो की सराहना की। साथ ही कहा कि इसरो की क्षमताओं के निर्माण, विस्तार और गहनता में छह दशक लग गए।
गठबंधन में अगर जातिगत जनगणना पर सहमति नहीं बनी तो तकरार बढ़ सकती है। दरअसल सामाजिक न्याय की राजनीति के तहत मोदी सरकार को घेरने के लिए जहां बिहार की जदयू-राजद सरकार राज्य में जातिगत जनगणना करा रही है, वहीं सपा, डीएमके जैसे कई दल जातिगत जनगणना के समर्थन में हैं। दूसरी ओर टीएमसी और शिवसेना को लगता है कि इसका समर्थन करने के कारण अगड़ा वर्ग उनसे नाराज हो सकता है।
बैठक में सिब्बल के पहुंचने से कांग्रेस नाराज
विपक्षी गठबंधन की बैठक में राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल के पहुंचने से कांग्रेस के खेमे में हड़कंप मच गया और मेजबान शिवसेना को अपना विरोध दर्ज कराया है। मुंबई में गठबंधन की बैठक के दूसरे दिन शुक्रवार को फोटो सेशन के दौरान कपिल सिब्बल के पहुंचने से कांग्रेस नेता नाराज हो गए। हालांकि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें किसी से कोई आपत्ति नहीं है लेकिन कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से इसकी शिकायत की। उन्होंने कहा कि सिब्बल का नाम सूची में नहीं था। ऐसे में फोटो सेशन के दौरान कपिल सिब्बल फ्रेम में कैसे नजर आए। इस पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और फारूक अब्दुल्ला ने मामले को संभाला।
अदाणी पर कांग्रेस से खफा ममता ने कहा-सामूहिक रणनीति तय होनी चाहिए
विपक्ष के इंडिया गठबंधन में हर बैठक के बाद किसी न किसी मुद्दे पर मतभेद हो ही जाता है। इस बार अदाणी मुद्दा मतभेद की वजह बनता दिख रहा है। बताया जा रहा है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की ओर से अदाणी मामले को तूल दिए जाने से नाराज हो गई हैं। दरअसल इंडिया की बैठक के बाद राहुल गांधी ने अदाणी का मुद्दा उठाकर मोदी सरकार पर हमला बोला। सूत्र बताते हैं कि इसपर ममता ने यह कहते हुए नाराजगी जताई कि इस बारे में पहले सहयोगियों के बीच चर्चा नहीं की गई। ममता का कहना था कि जब गठबंधन बन गया है तो ऐसे मुद्दों पर सामूहिक रूप से रणनीति तय हो। ममता की नाराजगी इस बात को लेकर भी बताई जा रही है कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस ने अबतक गठबंधन को लेकर अपना रुख साफ नहीं किया है। मामले के जानकारों का कहना है कि इन दोनों मुद्दों पर नाराज ममता इस वजह से बैठक के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस से चली गईं।