बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि क्या तृणमूल कांग्रेस भाजपा के खिलाफ अपनी लड़ने की क्षमता पर बार-बार सवाल उठाने के बाद सबसे पुरानी पार्टी के करीब आने की कोशिश कर रही है।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और तृणमूल कांग्रेस नेता अभिषेक बनर्जी के बीच बुधवार को नई दिल्ली में मुलाकात हुई। बंगाल की मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए इसे काफी अहम माना जा रहा है। तृणमूल ने इस मुलाकात को भाजपा के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने वाला कदम करार दिया तो वहीं बंगाल कांग्रेस के नेता इससे नाराज हैं। प्रदेश कांग्रेस का कहना है कि देश के मूड को भांपते हुए यह तृणमूल का सबसे पुरानी पार्टी के करीब आने की एक कोशिश है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक ने बुधवार सुबह राहुल से उनके आवास पर मुलाकात की। यह मुलाकात एक घंटे तक चली। सूत्रों का कहना है कि दोनों नेताओं के बीच विपक्षी गठबंधन इंडिया के संयोजक और बंगाल में सीट बंटवारे समेत विभिन्न मसलों पर चर्चा हुई। यह भी कहा जा रहा है कि अभिषेक कांग्रेस नेता के पास पार्टी सुप्रीमो ममता का संदेश लेकर गए थे। ब्यूरो
अधीर ने पूछा-क्या तृणमूल कांग्रेस भाजपा से लड़ने में सक्षम नहीं
वहीं बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि क्या तृणमूल कांग्रेस भाजपा के खिलाफ अपनी लड़ने की क्षमता पर बार-बार सवाल उठाने के बाद सबसे पुरानी पार्टी के करीब आने की कोशिश कर रही है। कुछ महीने पहले तक तृणमूल कांग्रेस राहुल गांधी और कांग्रेस के खिलाफ थी। भारत जोड़ो यात्रा की सफलता और कर्नाटक चुनाव में जीत के बाद हालात बदले हुए नजर आ रहे हैं।
अब तृणमूल अपनी नीति को गुप्त भाजपा समर्थक से कांग्रेस की सहयोगी बनाने की कोशिश कर रही है। तृणमूल नेतृत्व ने देश के बदलते मूड को महसूस किया है, जो भाजपा शासन से बदलाव के लिए तरस रहा है। वहीं भाजपा नेता सुवेंद्र अधिकारी ने कहा कि आखिर इस राजनीतिक मुलाकात को इतना गोपनीय क्यों रखा गया। आखिर क्या छिपाने की कोशिश की जा रही है? कांग्रेस को यह साफ करना चाहिए कि वह तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों का समर्थन करती है या नहीं।