पश्चिम बंगाल के एक मंत्री ने बताया कि भाजपा और सीपीआई (एम) ने हमें सूचित किया है कि वे सर्वदलीय बैठक का हिस्सा नहीं बनेंगे। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने आरोप लगाया है कि ममता सरकार नया राज्य दिवस लागू करने का विचार कर रही हैं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है, जिसमें भाजपा और सीपीआई (एम) शामिल नहीं होंगे। बैठक में राज्य दिवस पर चर्चा की जाएगी। बता दें, अगस्त की शुरुआत में एक समिति ने 15 अप्रैल को बांग्ला दिवस के रूप में मनाने की सिफारिश की थी।
भाजपा-सीपीआई (एम) का आरोप
पश्चिम बंगाल के एक मंत्री ने बताया कि भाजपा और सीपीआई (एम) ने हमें सूचित किया है कि वे सर्वदलीय बैठक का हिस्सा नहीं बनेंगे। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने आरोप लगाया है कि ममता सरकार नया राज्य दिवस लागू करने का विचार कर रही हैं। यहां इतिहास के साथ छेड़छाड़ है। भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य सरकार ने वोट बैंक के खातिर पहले ही इतिहास के साथ छेड़छाड़ करने का फैसला किया है। हम इस प्रयास का हिस्सा नहीं बन सकते। वहीं, सीपीआई (एम) के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने पीटीआई को बताया कि इसके अलावा भी कई ज्वलंत मुद्दे हैं, जिस पर सर्वदलीय बैठक की जानी चाहिए। यह कोई मुद्दा नहीं है। पंचायत चुनाव हिंसा, अवैध पटाखा कारखानों में विस्फोट सहित कई मुद्दें है, जिस पर बैठक होनी चाहिए। सीपीआई (एम) का दावा है कि ममता सरकार के साथ मिलकर भाजपा ने बैठक बुलाई है।
टीएमसी ने लगाए राजनीतिकरण के आरोप
टीएमसी का आरोप है कि भाजपा-सीपीआई (एम) मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही हैं। टीएमसी के एक मंत्री ने कहा कि मंगलवार को बैठक हमने मुद्दे पर चर्चा करने के लिए बुलाई थी। हम इस पर चर्चा करना चाहते हैं। लेकिन विपक्ष राजनीति करने में व्यस्त है।
20 जून और 15 अप्रैल के पीछे यह है कारण
बता दें, भाजपा 20 जून को पश्चिम बंगाल दिवस के रूप में मनाती है। इस साल राजभवन में भी 20 जून को ही कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। 20 जून 1947 को बंगाल विधानसभा में विधायकों के दो समूहों की बैठक हुई थी। इस दौरान भारत में शामिल होने वाले लोगों ने बहुमत में मतदान किया। वहीं, 15 अप्रैल को बंगाली कैलेंडर के अनुसार, साल का पहला दिन है।