मीडिया से बात करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि परिसीमन के बाद नगांव संसदीय क्षेत्र अब अल्पसंख्यक बहुल सीट बन गई है। उन्होंने असम के मूल निवासियों की सुरक्षा को लेकर प्रदेश भाजपा नेतृत्व और राज्य सरकार पर भी सवाल उठाए।
असम में परिसीमन की अंतिम रिपोर्ट सामने आने के बाद विवाद बढ़ता जा रहा है। नगांव संसदीय क्षेत्र के परिसीमन से नाराज पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता राजेन गोहेन ने शुक्रवार को असम असम खाद्य और नागरिक आपूर्ति निगम लिमिटेड के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। बता दें, परिसीमन के बाद नगांव लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के कुछ हिस्सों को नवगठित काजीरंगा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में शामिल किया गया।
इससे पहले, परिसीमन के विरोध में सत्तारूढ़ भाजपा की सहयोगी पार्टी असम गण परिषद (एजीपी) के वरिष्ठ नेता और आमगुरी के विधायक प्रदीप हजारिका ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। वर्षों तक शिवसागर जिले के आमगुरी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले हजारिका ने मसौदा प्रकाशित होने के एक दिन बाद एजीपी अध्यक्ष अतुल बोरा को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। साथ ही स्थानीय लोगों ने भी अमगुरी निर्वाचन क्षेत्र को खत्म करने का विरोध किया था।
बीते दिनों राष्ट्रपति ने असम के लिए चुनाव आयोग की ओर से जारी परिसीमन अधिसूचना को मंजूरी दे दी थी। असम के परिसीमन पर निर्वाचन आयोग का अंतिम आदेश बुधवार से प्रभावी हो गया है। आयोग ने 11 अगस्त को राज्य में विधानसभा और संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन पर अपनी अंतिम रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इसमें विधानसभा सीटों की संख्या 126 और संसदीय सीटों की संख्या 14 रखी गई है। हालांकि, इनकी संख्या पहले भी इतनी ही थी। इमें 19 विधानसभा क्षेत्रों और एक संसदीय क्षेत्र के नाम को भी संशोधित किया था।
असम में 19 विधानसभा और दो लोकसभा क्षेत्र अनुसूचित जनजाति (एसटी) जबकि एक लोकसभा क्षेत्र और नौ विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित किए गए हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ओर से कानून मंत्रालय द्वारा बुधवार को जारी अधिसूचना के अनुसार, 16 अगस्त 2023 को उस तारीख के रूप में निर्दिष्ट किया गया है, जिस दिन असम के संबंध में निर्वाचन आयोग का आदेश प्रभावी होगा।